दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस धमाके में आठ लोगों की मौत के बाद कई गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें जम्मू-कश्मीर के डॉक्टर भी शामिल हैं. अब पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने जांच एजेंसियों से अपील की है कि वे निष्पक्ष जांच करें और किसी निर्दोष परिवार को प्रताड़ित न करें. मुफ्ती ने कहा कि न्याय होना चाहिए, लेकिन किसी पर अन्याय नहीं.
श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा, “मैं दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट की निंदा करती हूं. कई लोगों की जान चली गई. अगर डॉक्टर इस हमले में शामिल हैं तो यह बहुत गंभीर बात है, लेकिन जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए.” उन्होंने एजेंसियों से कहा कि गिरफ्तार डॉक्टरों के परिवारों को परेशान न किया जाए, क्योंकि वे किसी अपराध में शामिल नहीं हैं.
#WATCH | Srinagar, J&K | On Delhi car blast, PDP chief Mehbooba Mufti says, "We understand the pain of what happened in Delhi because we witnessed this bloodshed very closely for many years. I request that this investigation be conducted quickly and fairly. However, the families… pic.twitter.com/bQyy12IgRJ
— ANI (@ANI) November 12, 2025
फरीदाबाद में 360 किलो संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट और हथियारों की बरामदगी के बाद गिरफ्तार डॉक्टर मुझम्मिल की मां नसीमा ने मीडिया से कहा कि उनका बेटा चार साल से दिल्ली में डॉक्टर के रूप में काम कर रहा था. उन्हें उसकी कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने बताया, “हम उससे मिलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने हमें मिलने नहीं दिया. अब मेरा दूसरा बेटा भी गिरफ्तार कर लिया गया है.”
मामले में जांच के दायरे में आए शाहीन और परवेज के परिवारों ने भी अपनी निर्दोषता की बात कही है. शाहीन के भाई मोहम्मद शुऐब ने कहा कि उनका भाई और बहन तीन साल से परिवार से अलग हैं और उनके किसी गतिविधि की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि परिवार को उनके नाम इस मामले में जुड़ने पर गहरा सदमा लगा है.
हरियाणा पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने डॉक्टर मुझम्मिल के घर पर जाकर जांच की. 10 नवंबर को फरीदाबाद से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है. माना जा रहा है कि यह हमला जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है.
डॉक्टर मुझम्मिल और अन्य आरोपियों के परिवारों का कहना है कि वे जांच में सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन निर्दोषों को सजा न मिले. उन्होंने सरकार और जांच एजेंसियों से अपील की है कि मामले को निष्पक्षता से देखा जाए ताकि सच्चाई सामने आए और निर्दोषों को राहत मिले.