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दिल्ली में कोहरे का सितम, ऑरेंज अलर्ट के बीच हवा और जहरीली; AQI 400 के पार!

दिल्ली में घना कोहरा और गंभीर वायु प्रदूषण लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. मौसम विभाग ने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

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Edited By: Reepu Kumari
Delhi Fog Alert Orange Warning Issued
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर घने कोहरे और दमघोंटू हवा की चपेट में है. सुबह के समय दृश्यता बेहद कम हो रही है, जिससे हवाई और सड़क यातायात दोनों पर सीधा असर पड़ रहा है.

मौसम विभाग और वायु गुणवत्ता एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि सप्ताहांत में हालात और बिगड़ सकते हैं. कोहरे के साथ प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका जताई गई है.

कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट, हालात गंभीर

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार के लिए कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार, तड़के कई इलाकों में घना से बहुत घना कोहरा छा सकता है, जबकि रात के समय हल्की धुंध बने रहने की संभावना है. रविवार और सोमवार की सुबह भी कई इलाकों में मध्यम से घना कोहरा देखने को मिल सकता है.

घने कोहरे से उड़ान सेवाएं बुरी तरह प्रभावित

घने कोहरे के कारण शुक्रवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर हालात बेहद खराब रहे. दृश्यता शून्य तक पहुंचने के चलते 700 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं, जबकि 177 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. इनमें घरेलू के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल थीं. सफदरजंग और पालम क्षेत्रों में दृश्यता बेहद कम दर्ज की गई.

हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर के करीब

दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 374 दर्ज किया गया, जबकि सुबह के समय यह बढ़कर 382 तक पहुंच गया. शहर के कई इलाकों में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया. विवेक विहार और आनंद विहार जैसे क्षेत्रों में एक्यूआई 430 से ऊपर पहुंच गया, जिससे स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है.

तापमान गिरने से बढ़ा इनवर्जन प्रभाव

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, तापमान में गिरावट के कारण इनवर्जन प्रभाव मजबूत हो रहा है. इस स्थिति में प्रदूषक हवा की निचली परतों में फंस जाते हैं, जिससे प्रदूषण तेजी से बढ़ता है. न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री के बीच रहने की संभावना है, जबकि आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है.

बारिश की कमी और वाहन प्रदूषण बना चुनौती

दिसंबर में अब तक बारिश नहीं होने से प्रदूषण को साफ होने का मौका नहीं मिला है. आंकड़ों के अनुसार, वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. सख्त प्रवर्तन के बावजूद हालात में सुधार नहीं दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में स्थायी समाधान के लिए समन्वित कार्रवाई पर जोर दिया है.

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