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दिल्ली में पंखे से लटके मिले मां और दो बेटों के शव, सुसाइड नोट पढ़कर दहल उठे पुलिशकर्मी

दिल्ली के कालकाजी में एक मां और दो बेटों के शव घर के अंदर फंदे से लटके मिले. सुसाइड नोट में मानसिक तनाव और आर्थिक तंगी का जिक्र है. पुलिस कई पहलुओं से मामले की जांच कर रही है.

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Sagar Bhardwaj

राजधानी दिल्ली के शांत माने जाने वाले कालकाजी इलाके में शुक्रवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई. एक ही परिवार के तीन सदस्य-मां और दो बेटे अपने घर के अंदर संदिग्ध हालात में मृत पाए गए. पुलिस द्वारा बरामद सुसाइड नोट ने शुरुआती जांच को मानसिक तनाव और आर्थिक दबाव की ओर मोड़ दिया है. इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय निवासियों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि परिवार की परिस्थितियों को समझने के लिए पुलिस को भी गहरी जांच के लिए मजबूर कर दिया है.

पीसीआर कॉल से पुलिस को मिली घटना की जानकारी

दोपहर 2:47 बजे कालकाजी पुलिस स्टेशन को एक पीसीआर कॉल मिली, जिसमें G-70B स्थित घर में आत्महत्या की आशंका जताई गई थी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची.वहां पहुंचकर उन्होंने पाया कि पड़ोस में भी अफरा-तफरी का माहौल फैला हुआ है. शुरुआत से ही मामला गंभीर प्रतीत हो रहा था.

दरवाजे की खामोशी से हुआ शक

मामला तब खुला जब एक कोर्ट बेलिफ और स्थानीय पुलिसकर्मी कोर्ट आदेश लागू करने घर पहुंचे. कई बार दस्तक देने पर भी घर के अंदर से कोई आवाज नहीं आई. लंबे इंतजार और खामोशी ने पुलिस को शक में डाल दिया, जिसके बाद उन्होंने आगे की कार्रवाई की.

अंदर का मंजर देख दहल उठे पुलिसकर्मी

डुप्लीकेट चाबी से दरवाज़ा खोलने पर तीनों सदस्यों के शव छत के पंखे से लटके मिले. मां और दो बेटों का यह दृश्य अत्यंत भयावह था. मेडिकल टीम ने मौके पर हालात की जांच की और पुलिस ने पूरे घर की तलाशी शुरू की.

सुसाइड नोट में मिले तनाव के संकेत

तलाशी के दौरान मिला नोट बताता है कि परिवार लंबे समय से मानसिक तनाव और डिप्रेशन से गुजर रहा था. शुरुआती जांच में आर्थिक तंगी को भी महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि परिवार किस स्थिति से गुज़रा.

पहचान और जांच की अगली प्रक्रिया

मृतकों की पहचान अनुराधा कपूर (52), आशीष कपूर (32) और चैतन्य कपूर (27) के रूप में हुई. तीनों शवों को AIIMS मॉर्चुरी भेज दिया गया है. पुलिस ने धारा 194 BNSS के तहत केस दर्ज कर फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है.

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सावधानी

यह घटना याद दिलाती है कि मानसिक स्वास्थ्य को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है. किसी में तनाव, निराशा या व्यवहारिक बदलाव दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ की मदद लें. भारत में 104 या 9152987821 जैसी हेल्पलाइनें सहायता के लिए उपलब्ध हैं.