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टू लेयर सिक्योरिटी में रहेंगी दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, जन सुनवाई में हमले के बाद लिया गया फैसला

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हाल ही में हुए हमले के बाद पुलिस ने उनकी सुरक्षा को और कड़ा कर दिया है. अब उन्हें दिल्ली पुलिस की ओर से Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है, जिसमें 40 से अधिक सुरक्षाकर्मी हर समय तैनात रहेंगे. सुरक्षा व्यवस्था को दो लेयर में बांटा गया है ताकि किसी भी चूक की गुंजाइश न रहे.

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Edited By: Kuldeep Sharma
rekha gupta
Courtesy: web

20 अगस्त को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उनके सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में 'जन सुनवाई' कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था. इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद अब दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा का जिम्मा पूरी तरह अपने हाथों में लेते हुए दोहरी घेराबंदी वाली Z+ सुरक्षा कवच तैयार किया है.

दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त कदम उठाए हैं. अब उनकी सुरक्षा में 40 से अधिक सुरक्षाकर्मी हर समय तैनात रहेंगे. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब सीएम की सुरक्षा व्यवस्था दो लेयर्स में होगी. भीतरी घेरे में दो सशस्त्र बॉडीगार्ड हर समय उनके बेहद नजदीक रहेंगे, जबकि अन्य गार्ड चारों ओर से निगरानी रखेंगे. बाहरी घेरे में पुलिसकर्मी आगंतुकों की जांच और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी निभाएंगे.

जन सुनवाई कार्यक्रमों में होगी कड़ी जांच

मुख्यमंत्री के सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों, खासकर 'जन सुनवाई' में अब बेहद कड़ी जांच होगी. हर व्यक्ति को प्रवेश से पहले कई चरणों की जांच और पहचान सत्यापन से गुजरना होगा. दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस लेयर्ड सिक्योरिटी सिस्टम में किसी भी चूक की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी.

हमले की जांच और गिरफ्तारियां

हमले की जांच में पुलिस ने अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी 41 वर्षीय राजेशभाई खीमजी, जो गुजरात के राजकोट का एक ऑटो चालक है, ने जन सुनवाई के दौरान सीएम पर हमला किया. पुलिस ने उसके सहयोगी तहसीन को भी हिरासत में लिया है, जिसने कथित तौर पर वित्तीय मदद और समन्वय किया था.  पुलिस सूत्रों के मुताबिक खीमजी ने यह हमला अकेले नहीं किया बल्कि इसके पीछे एक सोची-समझी साजिश थी. इस मामले में अब तक 10 से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है और जांच आगे बढ़ रही है.

इसलिए बढ़ाई गई सुरक्षा

मुख्यमंत्री के कार्यालय ने इस हमले को 'सोची-समझी हत्या की साजिश' बताया है. यही कारण है कि पुलिस ने न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को मजबूत किया है बल्कि सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान भीड़ नियंत्रण और तलाशी प्रक्रिया को बेहद कड़ा कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि अब किसी भी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तक पहुंचना आसान नहीं होगा.