कुख्यात नक्सली रामधर मज्जी ने पुलिस के सामने किया सरेंडर, महाराष्ट्र, MP और छत्तीसगढ़ नक्सल-मुक्त घोषित
नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता में, कुख्यात नक्सल कमांडर और CCM सदस्य रामधर मज्जी ने सोमवार को कई साथियों के साथ पुलिस के सामने सरेंडर किया.
छत्तीसगढ: नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी में, कुख्यात नक्सल कमांडर और सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) रामधर मज्जी ने सोमवार को अपने कई साथियों के साथ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. मज्जी को हिडमा के बराबर सबसे खतरनाक नक्सल लीडरों में से एक माना जाता था और उनके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था. उनका सरेंडर छत्तीसगढ़ के बकर कट्टा पुलिस स्टेशन में हुआ.
मज्जी के साथ, दूसरे माओवादी कैडर के एक ग्रुप ने भी सरेंडर किया, जिसमें चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी, प्रेम, रामसिंह दादा, सुकेश पोट्टम, लक्ष्मी, शीला, सागर, कविता और योगिता शामिल थे. उनके सरेंडर के साथ, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के इलाके कथित तौर पर एक्टिव नक्सल ऑपरेशन से मुक्त हो गए हैं, जो सरकार और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए एक ऐतिहासिक जीत है.
80 परसेंट नक्सलवाद खत्म
छत्तीसगढ़ के डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने बताया कि राज्य में 80 परसेंट नक्सलवाद खत्म हो चुका है, अब पश्चिमी अबूझमाड़ और सुकमा और बीजापुर जिलों के दक्षिणी हिस्सों में कुछ ही इलाके बचे हैं. उन्होंने कहा, 'आज, बस्तर के लोग बिना किसी डर के आजादी से सांस ले सकते हैं. बस्तर के युवाओं में एक मजबूत आवाज उभर रही है जो अपने इलाके की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं. बस्तर ओलंपिक्स और बस्तर पंडुम फेस्टिवल जैसे इवेंट्स भविष्य को आकार देने के लिए उनकी तैयारी दिखाते हैं.'
अमित शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नक्सलवाद से निपटने में सरकार की कोशिशों की तारीफ की. उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए कमिटेड है. अमित शाह ने कहा कि अपने पीक पर, नक्सल हिंसा ने भारत के लगभग 17 परसेंट इलाके पर असर डाला और लगभग 120 मिलियन लोगों पर असर डाला, जो देश की आबादी का लगभग 10 परसेंट है.
लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को उम्मीद
रामधर मज्जी और उनके ग्रुप का सरेंडर, अगले कुछ सालों में देश को पूरी तरह नक्सल-मुक्त बनाने के सरकार के मिशन में एक अहम कदम है. यह लोकल कम्युनिटी और युवाओं के बीच अपने इलाकों के विकास और सुरक्षा में बढ़ते भरोसे को भी दिखाता है. लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को उम्मीद है कि इतने बड़े पैमाने पर सरेंडर से दूसरे नक्सल कैडर भी ऐसा करने के लिए मोटिवेट होंगे, जिससे प्रभावित राज्यों में दशकों से चली आ रही हिंसा और अशांति खत्म होगी.