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Chhattisgarh Weather Today: छत्तीसगढ़ में आंधी-तूफान से कहर, बेमेतरा में तूफान ने ली 2 की जान; जानें अगले 3 दिन का मौसम

Chhattisgarh Weather Today: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आंधी-तूफान ने तबाही मचाई, बिजली गुल हुई, पेड़ और होर्डिंग्स गिरे, अगले तीन दिनों तक बारिश और ओले की संभावना है.

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Edited By: Anvi Shukla
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Courtesy: social media

Chhattisgarh Weather Today: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गुरुवार को आए आंधी-तूफान ने जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया. इस तूफान के कारण शहर में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई और कई जगहों पर पेड़, होर्डिंग्स तथा अन्य ढांचे गिर गए. वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अगले तीन दिनों तक तेज़ हवा और बारिश की संभावना जताई जा रही है. कुछ जगहों पर ओले भी गिर सकते हैं.

गुरुवार को आए आंधी-तूफान ने रायपुर के तरपोंगी टोल को पूरी तरह से उड़ा दिया. तेज़ हवा का दबाव लोहे के स्ट्रक्चर को नहीं सह सका, जिससे वह उड़कर पास में गिर गया. हालांकि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन कई वाहनों को नुकसान पहुंचा. इस हादसे के बाद शहर में घंटों तक ट्रैफिक जाम की स्थिति रही.

आंधी-तूफान से रायपुर में बड़ा नुकसान

साथ ही, प्रदेश के कई हिस्सों में पेड़ गिरने और होर्डिंग्स उड़ने से बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई. रायपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 150 से ज्यादा मुहल्लों में बिजली गुल हो गई. इस कारण करीब 10 लाख लोग प्रभावित हुए और उन्हें बिजली की बहाली के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा.

आंधी में हुई अनहोनी

आंधी-तूफान के दौरान बेमेतरा जिले के राखी जोबा स्थित राइस मिल में दो मजदूरों की मौत हो गई. राइस मिल में धान की बोरियां गिरने से ये हादसा हुआ. बोरियों के नीचे दबने से दोनों मजदूरों की जान चली गई. इसके अलावा, पेड़ गिरने से एक मवेशी भी मरा.

रायपुर में 10 घंटे का ब्लैकआउट

रायपुर में आंधी-तूफान के कारण 10 घंटे तक बिजली की आपूर्ति ठप रही. शाम 4 बजे बिजली गुल हो गई और कई इलाकों में रात के 2 बजे या सुबह के 5 बजे के बाद बिजली वापस आई. इस दौरान लोग अंधेरे में परेशान होते रहे और खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को मच्छरों से काफी दिक्कतें हुईं.

बिजली विभाग को मिली शिकायतों के अनुसार, रायपुर के कई इलाकों जैसे टिकरापारा, कबीरनगर, डीडी नगर, गुढ़ियारी, बोरिया खुर्द और मोवा में बिजली गुल थी. लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए केंद्रों पर पहुंचे, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण शिकायतों का समाधान नहीं हो सका. एक मामले में तो कर्मचारियों ने काम खत्म होने के बाद केंद्र छोड़ दिया और फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया.