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Sundargarh Naxalite Attack: 5000 किलो बारूद के साथ जंगल में गायब हुए नक्सली, छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर दहशत; फोर्स अलर्ट पर

Sundargarh Naxalite Attack: नक्सलियों ने पत्थर खदान में लूटपाट के लिए हमला किया. करीब 40 से अधिक नक्सली पहुंचे थे, जिनके पास 200 पेटियों में 25-25 किलो बारूद भरा हुआ था. यह हमला बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए किया गया था.

Imran Khan claims
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Sundargarh Naxalite Attack: छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए पत्थर खदान से 5000 किलोग्राम विस्फोटक लूट लिया है. मंगलवार को हुए इस हमले में करीब 40 नक्सलियों ने 25-25 किलो की 200 पेटियों में भरा जिलेटिन बारूद हथियारों की नोंक पर वैन से लोड करवा कर अपने कब्जे में ले लिया और जंगल की ओर फरार हो गए.

यह घटना सुंदरगढ़ जिले के बलगांव थाना क्षेत्र की है, जो झारखंड की सीमा से सटा हुआ है. बारूद की वैन जैसे ही बैंग पत्थर खदान पहुंची, वहां नक्सली आ धमके. उन्होंने मजदूरों और ड्राइवर को बंदूक दिखाकर धमकाया और वैन से उतारा गया विस्फोटक दोबारा लोड करवाया. इसके बाद ड्राइवर को अगवा कर, वैन समेत विस्फोटक को जंगल की ओर ले गए.

गोदाम कर्मचारी ने बताई पूरी घटना

अरुण कुमार, जो बारूद गोदाम में कार्यरत हैं, ने बताया, 'जैसे ही गाड़ी खदान पहुंची और विस्फोटक उतारा गया, नक्सली वहां पहुंचे. उन्होंने ड्राइवर और मजदूरों को धमकाया और बारूद को दोबारा वैन में भरवाया.' ड्राइवर के अनुसार, जंगल में पहले से 40 से अधिक नक्सली वैन का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने बारूद उतारकर उसे जंगल में छिपाया और ड्राइवर व वैन को वहीं छोड़कर चले गए.

24 घंटे बाद भी सुराग नहीं

घटना के बाद ड्राइवर किसी तरह गोदाम पहुंचा और मैनेजर को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. उसने बताया कि नक्सली हरे रंग के कपड़े पहने थे और सामान्य भाषा में बात कर रहे थे. सूचना मिलने पर बलगांव पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन 24 घंटे बाद भी पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला है.

ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. सुरक्षा एजेंसियां इलाके की सघन तलाशी अभियान में जुटी हैं. पुलिस का दावा है कि नक्सलियों का जल्द पता लगा लिया जाएगा.

क्या है जिलेटिन?

जिलेटिन एक खतरनाक विस्फोटक सामग्री है, जिसे गिट्टी क्रशर और पहाड़ों को तोड़ने में उपयोग किया जाता है. यह धीरे-धीरे जलता है और डेटोनेटर के बिना विस्फोट नहीं करता, लेकिन बड़ी मात्रा में यह बेहद विनाशकारी हो सकता है. 12 सितंबर 2015 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में जिलेटिन की छड़ों में हुए धमाके से 73 लोगों की मौत हो गई थी और 70 से अधिक घायल हुए थे. विस्फोट की गूंज 11 किमी दूर तक सुनाई दी थी.

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