महिलाओं ने चुनी NDA, पहली बार के मतदाताओं ने महागठबंधन को दिए वोट, किस Exit Poll में दावा?
Axis My India के एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में NDA को बढ़त मिलने के आसार हैं. सर्वे के अनुसार NDA को 121 से 140 सीटें, जबकि महागठबंधन को 98 से 118 सीटें मिल सकती हैं.
बिहार चुनाव को लेकर जारी Axis My India के एग्जिट पोल ने राज्य की राजनीति में नया उत्साह भर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले NDA को बढ़त मिल रही है, जबकि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की जोड़ी ने युवाओं का भरोसा जीता है.
कुल वोट शेयर में NDA को 43% और महागठबंधन को 41% हिस्सेदारी मिली है. हालांकि, सर्वे के साथ चेतावनी भी दी गई है कि एग्जिट पोल कई बार गलत साबित हुए हैं.
NDA को बढ़त, पर युवाओं ने चुना महागठबंधन
Axis My India के मुताबिक़, 18-19 आयु वर्ग के 46% और 20-29 वर्ग के 44% मतदाताओं ने महागठबंधन को वोट दिया. वहीं NDA को इन समूहों में केवल 37% समर्थन मिला. 30 वर्ष से अधिक उम्र वाले मतदाताओं में रुझान उलटा रहा, जहां NDA को मामूली बढ़त मिली. 70 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं में NDA का वोट शेयर 51% तक पहुंच गया.
महिलाओं ने दिया NDA को समर्थन
महिला मतदाताओं ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताया. सर्वे में 45% महिलाओं ने NDA को और 40% ने महागठबंधन को वोट दिया. पुरुष मतदाताओं में उलटी स्थिति रही, जहां 42% पुरुषों ने महागठबंधन को और 41% ने NDA को चुना. नीतीश सरकार की ‘लड़कियों के लिए 10,000 रुपये सहायता योजना’ जैसी योजनाओं ने महिला वोट बैंक को मज़बूत किया.
रोजगार के आधार पर वोटिंग पैटर्न
बेरोजगारों और छात्रों का सबसे बड़ा झुकाव महागठबंधन की ओर देखा गया. बेरोजगारों में 49% और छात्रों में 48% वोट विपक्ष के खाते में गए, जबकि NDA को क्रमशः 34% और 33% समर्थन मिला. वहीं स्वरोज़गार वालों में NDA को 49% वोट मिले, जो इसकी सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरे.
जाति और सामाजिक समीकरण का असर
Axis My India के डेटा के अनुसार, RJD-केंद्रित महागठबंधन ने मुस्लिम-यादव वोट बैंक को बनाए रखा है. वहीं NDA को गैर-यादव पिछड़ों और महिलाओं का बड़ा समर्थन मिला. यह समीकरण संकेत देता है कि बिहार का चुनाव पूरी तरह सामाजिक समीकरणों और विकास योजनाओं के बीच संतुलन का खेल बन गया है.
राजनीतिक संदेश स्पष्ट
एग्जिट पोल के नतीजों से यह साफ है कि बिहार की जनता विकास, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विभाजित है. जहां महिलाओं ने स्थिरता को प्राथमिकता दी, वहीं युवा बदलाव की उम्मीद के साथ खड़े दिखे. खैर ये केवल एग्जिट पोल हैं असली परिणाम 14 नवंबर को हम सबके सामने होंगे.