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India Daily

कौन हैं सोनू-मोनू,जिन पर अनंत सिंह पर फायरिंग का आरोप, कैसे बने दबंग

सोनू और मोनू स्थानीय नेता हैं और दोनों पहले अनंत सिंह के लिए काम करते हैं. फिर कुछ कारण से दोनों के बीच संबंध खराब हो गए. सोनू और मोनू सगे भाई हैं और उनके पिता पटना हाई कोर्ट में वकालत करते हैं. दोनों भाई स्थानीय ठेका लेते हैं औऱ ईंट भट्टे का करोबार है. दोनों जलालपुर गांव के रहने वाले हैं और अपराधी हैं. उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं.

Gyanendra Sharma
Edited By: Gyanendra Sharma
Anant Singh
Courtesy: Social Media

बिहार के मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह पर फायरिंग हो गई है. उनकी गाड़ी और समर्थकों को निशाना बनाकर गोली चलाई गई. इस घटना के बाद माहौल गर्म हो गया है. अनंत सिंह को इस क्षेत्र में एकतरफा राज रहा है, लेकिन अब  स्थानीय नेता सोनू सिंह के बीच का टकराव खुलकर सामने आ गया है. गोलीबारी के आरोप सोनू और मोनू गैंग पर लगे हैं. 

सोनू और मोनू स्थानीय नेता हैं और दोनों पहले अनंत सिंह के लिए काम करते हैं. फिर कुछ कारण से दोनों के बीच संबंध खराब हो गए. सोनू और मोनू सगे भाई हैं और उनके पिता पटना हाई कोर्ट में वकालत करते हैं. दोनों भाई स्थानीय ठेका लेते हैं औऱ ईंट भट्टे का करोबार है. दोनों जलालपुर गांव के रहने वाले हैं और अपराधी हैं. उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं.

अनंत सिंह का आरोप

अनंत सिंह का आरोप है कि वे किसी के बचाव के लिए नौरंगा गांव गए थे. इसी गांव में सोनू-मोनू रहते हैं. अनंत सिंह का कहना है कि इन दोनों ने मुकेश कुमार को उनके घर में ही बंद कर दिया था और उनका मकान कब्जाने की धमकी देते रहते हैं. इसी सिलसिले में वे उस गांव में पहुंचे थे, लेकिन गांव में उनके गाड़ी पर फायरिंग हो गई. लेकिन सोनू-मोनू का कहना है कि अनंत सिंह के समर्थकों ने फायरिंग की शुरुआत की थी, जबकि अनंत सिंह का कहना है कि ये बदमाश लोग हैं और शांति वार्ता करने की कोशिश में वह गए थे. 

पैसों के लेन-देन से जुड़ा विवाद

सूत्रों के अनुसार, यह विवाद पैसों के लेन-देन से जुड़ा हुआ है. सोनू और मोनू ने मुकेश कुमार पर 60 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया है. सोनू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुकेश उनके मुंशी रहे थे, और उन्होंने उनके पैसे मार लिए हैं. इसके बाद से वह लगातार मुकेश से पैसों की मांग कर रहे थे. दूसरी ओर, अनंत सिंह के समर्थकों का कहना है कि मुकेश कुमार की रकम सोनू-मोनू पर बकाया है, और वह इसे लेकर ही विवाद पैदा हुआ. यह मामला उस समय और बढ़ गया जब अनंत सिंह ने सोनू और मोनू से मुकेश का कमरा खोलने के लिए कहा था. जब ऐसा नहीं हुआ, तो अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे, और इस दौरान दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. 

सोनू और मोनू के खिलाफ कई गंभीर आरोप

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनू और मोनू के खिलाफ कई गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या, अपहरण, फिरौती, और ट्रेल लूट जैसे मामले शामिल हैं. पटना और लखीसराय जिलों में इनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि सोनू-मोनू पहले अनंत सिंह के लिए काम करते थे, लेकिन अब दोनों के बीच गहरी दुश्मनी पैदा हो गई है. 

इस विवाद की जड़ पंचायत चुनाव में छिपी हुई है. दरअसल, सोनू और मोनू के परिवार से उनकी बहन नौरंगा जलालपुर पंचायत से चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन उसकी उम्र कम होने का आरोप लगाकर उसे चुनाव से बाहर कर दिया गया. इस घटना के बाद, गुड्डू सिंह नामक व्यक्ति ने अनंत सिंह की शह पर सोनू-मोनू की बहन को परेशान किया, जिससे वह चुनाव में खड़ी नहीं हो पाई. इसके बाद, सोनू और मोनू ने गुड्डू सिंह को मार डाला.  इस समय सोनू और मोनू की मां मुखिया हैं, और यह परिवार राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.