'जनसेवा नहीं रुकेगी...', बिहार में हार के बाद आया आरजेडी का पहला रिएक्शन
बिहार चुनाव में बड़ी हार के बाद आरजेडी ने कहा कि वह निराश नहीं है और जनसेवा जारी रखेगी. पार्टी 75 से घटकर 25 सीटों पर आ गई, जबकि एनडीए 202 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज करने में सफल रहा.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में करारी हार झेलने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने पहली बार आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने कहा है कि वह अपनी हार से निराश नहीं है और जनसेवा की अपनी यात्रा को पहले की तरह जारी रखेगी. एनडीए ने इस चुनाव में 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक बढ़त हासिल की है, जबकि आरजेडी को बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है.
आरजेडी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट करते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं और हार जीत इसमें सामान्य बात है. पार्टी ने लिखा कि जनसेवा एक निरंतर प्रक्रिया है और इसमें निराशा या अहंकार की कोई जगह नहीं है. पोस्ट में यह भी कहा गया कि आरजेडी गरीबों की पार्टी है और उनकी आवाज उठाने का काम हमेशा करती रहेगी.
आरजेडी को कितनी सीटों का हुआ नुकसान?
बिहार के इस चुनाव में आरजेडी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि उसकी सीटें 75 से घटकर सिर्फ 25 पर आ गईं. यह पिछले कई वर्षों में पार्टी का सबसे कमजोर प्रदर्शन माना जा रहा है. 2010 के बाद से आरजेडी ने इतना खराब चुनाव परिणाम नहीं देखा था. महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव के नेतृत्व में भी पार्टी अपनी सीटें बचाने में असफल रही.
कैसा रहा महागठबंधन का प्रदर्शन?
इस चुनाव में महागठबंधन का कुल प्रदर्शन भी बेहद कमजोर रहा. गठबंधन का वोट शेयर कम हुआ और सीटें 40 से भी नीचे रह गईं. इससे सरकार बनाने की उम्मीदें एक तरह से खत्म हो गईं. दूसरी ओर एनडीए के प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया.
किसको मिली कितनी सीटें?
बीजेपी इस चुनाव की सबसे बड़ी विजेता बनकर उभरी और 89 सीटें जीतकर बिहार में अपना अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. जेडीयू ने भी 85 सीटें जीतकर मजबूत वापसी की. चिराग पासवान की एलजेपी आरवी ने 29 में से 19 सीटें जीतकर शानदार स्ट्राइक रेट दर्ज की. इसके अलावा हम ने 5 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने 4 सीटें जीतीं.
आरजेडी करेगा रणनीतियों में बदलाव?
एनडीए की इस शानदार जीत ने बिहार की राजनीतिक तस्वीर बदल दी है. वहीं आरजेडी की हार ने उसके संगठन और रणनीति को फिर से मजबूत करने की जरूरत को सामने ला दिया है. आने वाले समय में पार्टी अपने राजनीतिक रुख और रणनीतियों में बदलाव कर सकती है ताकि वह आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके.