Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं. नामांकन प्रक्रिया जोरों पर है, लेकिन इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे का मुद्दा अभी तक अनसुलझा है. इस बीच, एनडीए और जनसुराज पार्टी ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार जनसुराज चुनाव में बड़ा प्रभाव डालेगी.
जनसुराज की आक्रामक रणनीति
जनसुराज ने सबसे पहले अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर सभी को चौंका दिया. पार्टी ने प्रशासनिक अधिकारियों, भोजपुरी कलाकारों और समाजसेवियों को मैदान में उतारा है. जनसुराज की मजबूत रणनीति और सक्रियता ने इसे बिहार की सियासत में एक नई ताकत के रूप में उभारा है.
प्रशांत किशोर का बड़ा दावा
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि इस बार इंडिया गठबंधन तीसरे स्थान पर रहेगा. उन्होंने कहा, "मुख्य मुकाबला एनडीए और जनसुराज के बीच है." सीट बंटवारे पर सवाल उठने पर किशोर ने इंडिया गठबंधन से सवाल पूछने की सलाह दी.
#WATCH | पटना: जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने महागठबंधन दलों के बीच सीट बटवारे पर कहा, "INDIA गठबंधन से जाकर पूछिए।"
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 18, 2025
उन्होंने आगे कहा, "...INDIA गठबंधन इस बार तीसरे स्थान पर रहने वाला है। लड़ाई NDA और जनसुराज में है।" pic.twitter.com/13GnCxtr3I
इंडिया गठबंधन की चुनौतियां
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर असमंजस बना हुआ है. कांग्रेस और मुकेश सहनी की वीआईपी के बीच तनातनी की खबरें हैं. इसके अलावा, गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान नहीं किया है, जिससे उसकी रणनीति कमजोर दिख रही है.
बिहार की सियासत में नया मोड़
इस बार बिहार का चुनावी रंगमंच रोमांचक होने वाला है. जनसुराज की मजबूत उपस्थिति और एनडीए की तैयारियों के बीच इंडिया गठबंधन की राह आसान नहीं दिख रही. क्या जनसुराज बिहार की सियासत में नया इतिहास रचेगी? यह सवाल हर किसी के जेहन में है.