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'चुनाव न लड़ना मेरी गलती...', बिहार चुनाव में हार के बाद प्रशांत किशोर का छलका दर्द

किशोर ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि आप इसे एक गलती मान सकते हैं. उन्होंने चुनाव न लड़ने के अपने फैसले और पार्टी की चुनावी हार के बारे में भी बताया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Prashant Kishor
Courtesy: Photo-@Pk_youthbrigade

पटना: बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार किया और लगता है उन्हें इस पर पछतावा भी है. उनकी जन सुराज पार्टी बिहार में अपना पहला चुनाव हार गई और एक भी सीट नहीं जीत पाई.

किशोर ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि आप इसे एक गलती मान सकते हैं. उन्होंने चुनाव न लड़ने के अपने फैसले और पार्टी की चुनावी हार के बारे में भी बताया.

उन्होंने कहा, "अगर मुझे पता होता कि मैं हार जाऊंगा, तो मैं अपने संसाधन पैसा और विश्वसनीयता दांव पर क्यों लगाता? मैं इन सभी संसाधनों का इस्तेमाल आसानी से सांसद या विधायक बनने के लिए कर लेता. अगर मुझे पता होता कि जन सुराज हार जाएगा, तो मैं इतना बड़ा जोखिम क्यों उठाता? मुझे कभी नहीं पता था कि पार्टी को 4% वोट मिलेंगे. मैंने कभी अपना सर्वेक्षण नहीं किया, मैंने आंख मूंदकर चुनाव लड़ा."

जेएसपी की चुनावी हार और किशोर का मौन व्रत

किशोर की जेएसपी को अपने चुनावी आगाज में बड़ा झटका लगा , जब 2025 के बिहार चुनावों में लगभग सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के बावजूद वह एक भी सीट जीतने में विफल रही. बाद में उन्होंने पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली और कहा कि अब वह अपनी असफलता के लिए पश्चाताप करेंगे और एक दिन का मौन व्रत लेंगे .

प्रशांत किशोर ने कहा, "आपने मुझे पिछले तीन सालों में जितनी मेहनत करते देखा है मैं उससे दोगुनी मेहनत करूंगा और अपनी पूरी ऊर्जा लगा दूंगा. पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है. जब तक मैं बिहार को बेहतर बनाने का अपना संकल्प पूरा नहीं कर लेता, तब तक पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा."

मौन उपवास रखूंगा

जेएसपी संस्थापक ने कहा, "मैं 20 नवंबर को गांधी भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखूंगा.हमने गलतियां की होंगी, लेकिन हमने कोई अपराध नहीं किया है." उन्होंने कहा कि पार्टी ने जाति-आधारित, धर्म-आधारित नफरत फैलाए बिना अपना चुनाव प्रचार किया. "हमने बिहार के गरीब, निर्दोष लोगों को पैसे देकर उनके वोट खरीदने का अपराध नहीं किया है."