पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने एक बार फिर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है. इस जीत के साथ ही राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. जहां एक तरफ जदयू और भाजपा कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की चर्चा ने फिर जोर पकड़ लिया है.
चुनाव प्रचार के दौरान ही जदयू के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने निशांत कुमार को सक्रिय राजनीति में लाने की मांग उठाई थी. अब चुनाव परिणाम आने के बाद यह आवाज नीतीश कुमार के परिवार से भी उठने लगी है. मुख्यमंत्री के बड़े भाई सतीश कुमार ने खुलकर कहा है कि निशांत को अब राजनीति में आ जाना चाहिए. उन्होंने अपने भतीजे से यह अपेक्षा जताई कि वह जनसेवा की राह पर चलें.
मीडिया से बातचीत में सतीश कुमार ने कहा, “समय आने पर निशांत खुद राजनीति में आएंगे, लेकिन यह तभी होगा जब उनकी अपनी इच्छा हो. कोई दबाव में नहीं आना चाहिए.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि सार्वजनिक जीवन बहुत कठिन होता है. इसमें अनगिनत जिम्मेदारियां होती हैं और हर कदम पर लोगों की उम्मीदें जुड़ी रहती हैं. निशांत को पहले इन जिम्मेदारियों की गहराई समझनी होगी.
सतीश कुमार ने NDA की इस शानदार जीत का श्रेय पूरी तरह नीतीश कुमार की नीतियों को दिया. उनके मुताबिक, यह जीत सिर्फ चुनावी घोषणाओं या योजनाओं का नतीजा नहीं है. बल्कि पिछले डेढ़-दो दशक में महिलाओं, अति पिछड़ों, दलितों और गरीबों के लिए किए गए स्थायी कल्याणकारी कार्यों का फल है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो विश्वास लोगों में जगाया है, उसी का नतीजा आज दिख रहा है.
गौरतलब है कि निशांत कुमार अभी तक राजनीति से पूरी तरह दूर रहे हैं. वह दिल्ली में रहकर अपना बिजनेस संभालते हैं और कभी-कभी ही बिहार आते हैं. नीतीश कुमार ने भी हमेशा कहा है कि वह अपने बेटे को राजनीति में नहीं लाना चाहते. उनका मानना है कि निशांत को अपनी मर्जी से जीवन जीना चाहिए. हालांकि अब परिवार के अंदर से आ रही इस आवाज़ के बाद देखना दिलचस्प होगा कि क्या निशांत कुमार आने वाले दिनों में जदयू के किसी बड़े कार्यक्रम या चुनाव में सार्वजनिक रूप से नजर आएंगे.