menu-icon
India Daily

बिहार की 5 राज्यसभा सीटों पर एनडीए के सहयोगी दलों के बीच चुनावी तैयारी हुई तेज, एक सीट को लेकर खींचातानी

बिहार की पांच राज्यसभा सीटों के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इन सीटों पर चुनाव अगले साल अप्रैल में होने हैं. बिहार से राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 41 विधायकों का समर्थन चाहिए.

Meenu Singh
Edited By: Meenu Singh
बिहार की 5 राज्यसभा सीटों पर एनडीए के सहयोगी दलों के बीच चुनावी तैयारी हुई तेज, एक सीट को लेकर खींचातानी
Courtesy: @NitinNabin X account

बिहार: बिहार की पांच राज्यसभा सीटों के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इन सीटों पर चुनाव अगले साल अप्रैल में होने हैं. जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें आरजेडी से प्रेम चंद गुप्ता और एडी सिंह, जेडीयू से हरिवंश और राम नाथ ठाकुर, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) से उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं. अब इसे लेकर तैयारी तेज हो गई हैं. 

जीत के लिए कितने वोट चाहिए?

बिहार से राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 41 विधायकों का समर्थन चाहिए.
इस समय एनडीए के पास कुल 202 विधायक हैं. इस संख्या के आधार पर एनडीए चार सीटें आसानी से जीत सकता है.
लेकिन पांचवीं सीट के लिए उसे विपक्ष के कुछ विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी.

भाजपा में किन नामों की चर्चा?

भाजपा की ओर से सबसे ज्यादा चर्चित नाम नितिन नबीन का है. वे बांकीपुर से विधायक हैं और पहले राज्य मंत्री रह चुके हैं. हाल ही में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्हें दिल्ली के लुटियंस जोन में सुनेहरी बाग रोड पर बंगला नंबर 9 भी आवंटित किया गया है. मकर संक्रांति के बाद उनके वहां शिफ्ट होने की बात कही जा रही है. दिलचस्प बात यह है कि इसी इलाके में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का आवास भी है.

इसके अलावा, भाजपा के कुछ नेताओं के बीच भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह के नाम की भी चर्चा चल रही है.

पांचवीं सीट क्यों सबसे मुश्किल?

सबसे बड़ा सवाल पांचवीं राज्यसभा सीट को लेकर है. इसकी वजह हैं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान. उनकी पार्टी के पास एनडीए के अंदर भी इतनी संख्या नहीं है कि वे अपने दम पर जीत सुनिश्चित कर सकें. चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान के लिए राज्यसभा सीट की मांग कर रहे हैं.

विपक्ष के सामने बड़ी चुनौती

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर विपक्ष पूरी तरह एकजुट हो जाए, तो वह ठीक 41 विधायकों के सहारे एक सीट जीत सकता है.

पटना के राजनीतिक विश्लेषक धीरेंद्र कुमार के अनुसार, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए यह अनुशासन और तालमेल की बड़ी परीक्षा है. अगर तालमेल नहीं बना, तो विपक्ष को राज्यसभा में नुकसान उठाना पड़ सकता है.