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Bihar assembly elections 2025: बिना सीएम चेहरे के चुनावी मैदान में उतरेगा महागठबंधन? तेजस्वी यादव के नाम पर अब भी पेच

Bihar assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन बिना स्पष्ट मुख्यमंत्री चेहरे के उतर सकता है. राजद तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार घोषित करने पर जोर दे रही है, लेकिन कांग्रेस और सीपीआई-एमएल की तरफ से अभी तक कोई स्पष्ट सहमति नहीं मिली है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Tejashwi Yadav-Rahul Gandhi
Courtesy: social media

Bihar assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की रणनीति अब तक साफ नहीं हुई है. राजद लगातार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर रही है, लेकिन कांग्रेस और सीपीआई-एमएल की चुप्पी से यह मामला उलझा हुआ नजर आ रहा है. गठबंधन की सीटों पर आंतरिक टकराव और उम्मीदवारों के चयन की गुत्थी ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया है.

इंडिया गठबंधन अभी तक अपने मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर निर्णय नहीं ले पाया है. राजद की मांग है कि तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार घोषित किया जाए, क्योंकि उनका विरोधी दलों और मुस्लिम समुदाय में समर्थन मजबूत है. दूसरी ओर, कांग्रेस और सीपीआई-एमएल ने अभी तक कोई ठोस बयान नहीं दिया, जिससे गठबंधन की स्पष्टता प्रभावित हो रही है.

सीट बंटवारे में आंतरिक टकराव

महागठबंधन के भीतर कई सीटों पर दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. बछवारा, वैशाली, तारापुर, गौरा बौरम, लालगंज, कहलगांव, राजापाकर, रोसड़ा, बिहारशरीफ और वारिसलीगंज जैसी सीटों पर गठबंधन दल आमने-सामने हैं. इस तरह के आंतरिक संघर्ष से गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं और चुनावी रणनीति कमजोर दिखाई दे रही है.

तेजस्वी यादव की उम्मीदवारी और चुनौतियां

राजद का जोर तेजस्वी यादव पर है, लेकिन उनका नाम कुछ विरोधी दलों और एनडीए के पुराने शासनकाल को लेकर विवादास्पद भी है. लालू प्रसाद यादव के शासनकाल को भ्रष्टाचार और ‘जंगलराज’ के रूप में प्रस्तुत करने वाले एनडीए के आरोप तेजस्वी के सीएम फेस को चुनौती दे सकते हैं. हाल ही में लालू के खिलाफ कुछ भ्रष्टाचार मामलों में कोर्ट फैसले ने तेजस्वी की उम्मीदवारी पर सियासी दबाव बढ़ा दिया है.

घोषणा की संभावना और भविष्य की राह

इंडिया गठबंधन ने अपने घोषणापत्र का मसौदा तैयार कर लिया है और संभावना है कि इसकी जारी होने के दौरान मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा भी हो सकती है. कांग्रेस और सीपीआई-एमएल की रणनीतिक चुप्पी यह संकेत देती है कि वे तेजस्वी यादव के नाम को लेकर असमंजस में हैं. अब यह देखने वाली बात होगी कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर स्थिति कब तक साफ होती है और गठबंधन की रणनीति चुनाव में कितनी असरदार साबित होती है.