पुलिस का FIR दर्ज करने से इनकार, NCW ने लिया संज्ञान...बिहार नाबालिग रेप-मर्डर केस की दर्दनाक कहानी
परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि समय पर इलाज और बेहतर सुविधाओं की कमी के कारण पीड़िता की जान चली गई.

बिहार के एक गांव में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और उसकी बाद में मृत्यु के मामले ने सनसनी फैला दी है. परिवार ने आरोप लगाया कि तुर्की पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने आरोपी के गांव में प्रभाव के कारण मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया. परिवार की शिकायत के बाद जिला महिला पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई. पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया, जिसमें बलात्कार की पुष्टि हुई.
अस्पताल में लापरवाही का आरोप
पीड़िता की हालत बिगड़ने पर उसे पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (PMCH) रेफर किया गया. लेकिन परिवार का दावा है कि अस्पताल में उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा. पीड़िता के चाचा वीरेंद्र पासवान ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, "डॉक्टरों ने हमें पटना रेफर किया, लेकिन वहां भी हालात ठीक नहीं थे. यह अच्छा अस्पताल नहीं है. कल हम पहुंचे और तीन घंटे तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा. जब लोगों ने हंगामा शुरू किया, तब चार बजे उसे भर्ती किया गया. वहां कोई सुविधा नहीं थी. बच्ची रात में बेचैन थी और रो रही थी. डॉक्टर नाराज हो गए और पूरी रात उसे नींद की दवा दी. सुबह आठ बजे उसकी मृत्यु हो गई."
परिवार का दर्द और सवाल
परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि समय पर इलाज और बेहतर सुविधाओं की कमी के कारण पीड़िता की जान चली गई. इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और आरोपी की तलाश जारी है.



