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Tejashwi Yadav FIR: 'झूठ और जुमलों की दुकान...', PM मोदी पर आपत्तिजनक पोस्ट कर बुरे फंसे तेजस्वी यादव, महाराष्ट्र में FIR दर्ज!

Tejashwi Yadav FIR: राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की, जिसके बाद महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की है. उनकी पोस्ट में मोदी को व्यंग्यात्मक रूप से 'बयानबाजी की दुकान' बताया गया था.

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Edited By: Babli Rautela
Tejashwi Yadav FIR
Courtesy: Social Media

Tejashwi Yadav FIR: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. RJD नेता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एक ‘आपत्तिजनक’ सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने का आरोप है. यह प्राथमिकी स्थानीय भाजपा विधायक मिलिंद नरोटे की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, तेजस्वी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 196, 356 (मानहानि), 352 (जानबूझकर शांति भंग करने वाला अपमान), और 353 (सार्वजनिक रूप से उपद्रव मचाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

क्या है तेजस्वी यादव की पोस्ट?

तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक कार्टून शेयर किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गया रैली को 'झूठ और जुमलों की दुकान' बताते हुए दिखाया गया है. इस पोस्ट में मोदी को दुकानदार के रूप में दर्शाया गया, और दुकान के साइनबोर्ड पर लिखा था: 'जुमलों की मशहूर दुकान.'

साथ ही तेजस्वी ने मोदी से बिहार में एनडीए के 20 साल और अपने 11 साल के शासन का हिसाब देने की अपील की है. पोस्ट में लिखा था, 'आज गया में झूठ और जुमलों की दुकान लगेगी! प्रधानमंत्री जी, गया में आप आज बेढंगी जुबान से झूठ और बयानबाजी का हिमालय खड़ा करेंगे, लेकिन बिहार की न्यायप्रिय जनता दशरथ मांझी की तरह आपके झूठ और बयानबाजी के इन विशाल पहाड़ों को ढहा देगी. अपने 11 साल और एनडीए सरकार के 20 सालों के शासन का हिसाब दो?'

प्रधानमंत्री मोदी का जवाब और रैली में बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को बिहार में एक रैली के दौरान राजद और कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि राज्य के लोग कांग्रेस और उसके सहयोगियों के लिए केवल 'वोट बैंक' हैं और उनके संघर्षों की कोई चिंता नहीं की जाती है.

मोदी ने बोधगया रैली में कहा, 'उनके लिए, बिहार के लोग केवल एक वोट बैंक हैं; उन्हें गरीबों के संघर्षों की कोई चिंता नहीं है. आपको याद होगा कि कैसे एक कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने एक मंच से कहा था कि बिहारियों को उनके राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के बेटे-बेटियों को यहीं रोजगार मिले और वे सम्मान का जीवन जी सकें.'