नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सौंपा अपना इस्तीफा, नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जोरदार जीत के बाद राज्य की राजनीतिक स्थिति बदल गई. सोमवार को नीतीश कुमार की अध्यक्षता में अंतिम कैबिनेट बैठक में विधानसभा भंग का प्रस्ताव मंजूर हुआ.

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Princy Sharma

बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव में NDA बंपर जीत के बाद राज्य की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल गई है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई अंतिम कैबिनेट बैठक में विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. इसी बैठक के बाद नीतीश कुमार सीधे राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. इसके साथ ही उन्होंने नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया.

एनडीए को मिली प्रचंड बहुमत के बाद राज्य में नई सरकार बनाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है. राजनीतिक हलचल सुबह से ही तेज थी. नीतीश कुमार अपने आवास से मंत्री विजय चौधरी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ सचिवालय पहुंचे. बैठक कैबिनेट हॉल में हुई, जिसमें कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे. यह बैठक नीतीश कुमार सरकार की अंतिम बैठक थी. इसमें कैबिनेट ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया और नीतीश कुमार को राज्यपाल से मिलकर संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करने का अधिकार दिया.

अतिरिक्त पुलिस बल तैनात

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. सचिवालय से लेकर राजभवन तक अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए. नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के बाद भी प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय रहने का निर्णय लिया है. राज्यपाल द्वारा नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख तय होने तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे.

19 नवंबर को होगी BJP और JDU की बैठक

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 19 नवंबर को बीजेपी और जेडीयू विधायक दल की बैठक में नए मंत्रिमंडल और विभागों के बंटवारे पर अंतिम रूपरेखा तय होगी.  NDA ने नए समीकरणों और जिम्मेदारियों के बंटवारे पर मंथन कर रही है. इस बदलाव के साथ बिहार में एक राजनीतिक अध्याय समाप्त हो गया और नई सरकार के गठन के साथ एक नया दौर शुरू होने वाला है.

नई कैबिनेट पर जनता की पूरी नजर 

जनता और राजनीतिक विश्लेषक अब नई कैबिनेट में किसे कितनी जगह मिलती है और सत्ता का संतुलन किस रूप में बनता है, इस पर नजरें गढ़ाए हुए हैं. यह दिन इसलिए भी ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि नीतीश कुमार ने एक बार फिर नई सियासी संरचना की ओर कदम बढ़ा दिया है. अब सबकी नजरें राज्यपाल के फैसले और नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख पर टिकी हैं.