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India Daily

Businessman Murder Case: बेउर जेल में बंद इस गैंगस्टर पर पुलिस को कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का शक, पूछताछ जारी

Businessman Murder Case: पटना के व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या मामले में पुलिस भूमि विवाद और गैंगस्टर अजय वर्मा की भूमिका की जांच कर रही है. पुलिस इसे सुपारी किलिंग मान रही है. घटना ने राजनीतिक विवाद भी खड़ा कर दिया है.

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Edited By: Km Jaya
Gopal Kemka murder case
Courtesy: Social Media

Businessman Murder Case: बिहार की राजधानी पटना में प्रसिद्ध व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच का दायरा बड़ा कर दिया है. हत्या के पीछे भूमि विवाद और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की आशंका जताई जा रही है, और इस सिलसिले में गैंगस्टर अजय वर्मा, जो इस वक्त बेउर जेल में बंद है. पुलिस उनके भी जांच पड़ताल में जुटी है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोपाल खेमका, जो पटना के मगध अस्पताल के मालिक थे, उनकी शुक्रवार रात गांधी मैदान इलाके में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वे पनाचे होटल के पास अपने अपार्टमेंट की ओर जा रहे थे. बाइक पर सवार अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसा दीं और फरार हो गए.

अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज 

घटना के बाद खेमका के बेटे गौरव खेमका ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने हत्या को एक सुनियोजित सुपारी किलिंग मानते हुए जांच शुरू की है.

गैंगस्टर कनेक्शन की जांच में तेजी

बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में बेउर जेल में छापेमारी की और इस दौरान गैंगस्टर अजय वर्मा से पूछताछ की गई. पुलिस को शक है कि अजय वर्मा का इस हत्याकांड में हाथ हो सकता है, क्योंकि खेमका का नाम एक भूमि विवाद में भी सामने आया था जिसमें वर्मा का अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ाव हो सकता है.

पुलिस अब हत्याकांड से जुड़े फोन कॉल रिकॉर्ड्स, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान के आधार पर इस हत्या के पीछे की पूरी साजिश को खंगालने में लगी है.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस हत्या को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर जम कर हमला बोला है. उनका कहना है कि सरकार पूरी तरह विफल हो गई है. "राहुल गांधी ने राज्य के लोगों से अपील की कि वे ऐसी सरकार को वोट न दें जो "आपके बच्चों की सुरक्षा नहीं कर सकती." बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है.