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Bihar SIR Row: 2 EPIC नंबर पर घिरे बिहार के डिप्टी CM विजय सिन्हा, चुनाव आयोग ने लिया ये एक्शन

चुनाव आयोग द्वारा गहन पुनरीक्षण (SIR) 2025 के तहत जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में विजय सिन्हा का नाम दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज पाया गया है. पहला, पटना के 182-बांकीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 406, मतदाता सूची क्रमांक 757 पर, जहां उनका EPIC नंबर AFS0853341 है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Vijay Sinha
Courtesy: Social Media

बिहार की राजनीति में एक बार फिर दोहरे वोटर आईडी का मामला सुर्खियों में है. पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के दो वोटर आईडी के आरोपों ने हंगामा मचाया था, और अब उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा इस विवाद की चपेट में आ गए हैं. भारतीय निर्वाचन आयोग ने विजय सिन्हा को दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में उनके नाम के साथ दो वोटर आईडी (EPIC) नंबर पाए जाने के मामले में नोटिस जारी किया है. आयोग ने उनसे 14 अगस्त 2025 की शाम 5 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

चुनाव आयोग द्वारा गहन पुनरीक्षण (SIR) 2025 के तहत जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में विजय सिन्हा का नाम दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज पाया गया है. पहला, पटना के 182-बांकीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 406, मतदाता सूची क्रमांक 757 पर, जहां उनका EPIC नंबर AFS0853341 है. दूसरा, लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में EPIC नंबर IAF3939337 के साथ उनका नाम दर्ज है. इस दोहरे पंजीकरण ने मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं.

तेजस्वी यादव ने उठाया मुद्दा

10 अगस्त 2025 को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया. उन्होंने विजय सिन्हा के दो वोटर आईडी होने का दावा करते हुए दोनों EPIC नंबरों की जानकारी सार्वजनिक की. तेजस्वी ने इसे "चुनावी फर्जीवाड़ा" करार देते हुए चुनाव आयोग से सवाल किया कि क्या डिप्टी सीएम को भी उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की तरह नोटिस जारी किया जाएगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिन्हा ने दोनों जगह SIR फॉर्म भरा है, जिससे यह मामला और गंभीर हो जाता है.

विजय सिन्हा का जवाब

इस विवाद पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने कहा कि पहले उनका नाम उनके परिवार के साथ पटना के बांकीपुर विधानसभा की मतदाता सूची में दर्ज था. अप्रैल 2024 में उन्होंने लखीसराय विधानसभा में अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया और साथ ही पटना की सूची से नाम हटाने के लिए भी ऑनलाइन आवेदन दिया था. हालांकि, तकनीकी कारणों से उनका नाम पटना की सूची से नहीं हटा. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने पर उन्हें इस दोहरे पंजीकरण की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने 5 अगस्त 2025 को बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को आवेदन देकर पटना की सूची से नाम हटाने का अनुरोध किया.