Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. 2025 विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और राज्य की 243 सीटों पर सत्ता की जंग दो चरणों में लड़ी जाएगी. पहला चरण 6 नवंबर को होगा जिसमें 121 सीटों पर चुनाव होंगे वही दूसरा चरण 11 नवंबर को होगें जिसमें 122 सीटें पर चुनाव होंगे.
मुख्य मुकाबला इस बार भी राजद-कांग्रेस के महागठबंधन और भाजपा-जद(यू) के एनडीए के बीच है. आइए नजर डालते हैं इस चुनाव की 5 सबसे चर्चित सीटों पर जहां दिग्गजों की साख दांव पर लगी है.
राघोपुर सीट लालू यादव परिवार का गढ़ रही है.
इस बार भाजपा ने फिर से सतीश कुमार यादव को उतारा है, जिन्होंने 2010 में राबड़ी देवी को 13,000 से ज्यादा वोटों से हराया था.
वहीं, जन सुराज पार्टी (JSP) ने चंचल सिंह को मैदान में उतारकर इस सीट को त्रिकोणीय बना दिया है.
तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव राजद से निष्कासित होने के बाद अब स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में वापसी कर रहे हैं.
इस सीट पर यादव, मुस्लिम और अनुसूचित जाति मतदाताओं का मजबूत प्रभाव है.
यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प है:
महुआ में 'भाई बनाम पार्टी' का संघर्ष देखने लायक होगा.
पिछले चुनाव में यहां से चेतन आनंद (आनंद मोहन के बेटे) विजयी हुए थे, लेकिन अब वे एनडीए में शामिल होकर नबीनगर से लड़ रहे हैं.
इस बार मुकाबला है:
राजद का यहां ऐतिहासिक दबदबा रहा है, और यह सीट फिर से सुर्खियों में है.
सीवान की इस सीट से दिवंगत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब पहली बार मैदान में उतर रहे हैं.
उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं विकास कुमार सिंह (जीशु सिंह) — जदयू उम्मीदवार.
दिलचस्प बात यह है कि राजद की सहयोगी भाकपा (माले), जो कभी शहाबुद्दीन के खिलाफ मुखर थी, अब उनके परिवार के साथ 'कोई विवाद नहीं' मानती.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह मुकाबला बिहार की सबसे हाई-प्रोफाइल लड़ाइयों में से एक होगा.
महागठबंधन के अंदर भी कई सीटों पर “फ्रेंडली फाइट” देखने को मिलेगी.
राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले) और वीआईपी में सीटों का बंटवारा इस तरह हुआ है:
हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने खुद को चुनाव से अलग कर लिया है, जिससे गठबंधन को झटका लगा है.
दोस्ताना मुकाबलों वाली प्रमुख सीटें: