बिहार चुनाव में वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग ने दिया बड़ा अपडेट, SIR की सुनवाई से पहले लिया ये फैसला
सुप्रीम कोर्ट में आज, 28 जुलाई को बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण से संबंधित याचिकाओं पर अहम सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को वोटर पहचान में शामिल न करने पर सवाल उठाए थे. इस बीच, चुनाव आयोग ने बड़ा अपडेट जारी किया है.
Bihar Election 2025: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 28 जुलाई को बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई होगी, जिसे बिहार विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि क्यों आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को वोटर पहचान के लिए शामिल नहीं किया गया. इस मामले में चुनाव आयोग ने भी एक बड़ा अपडेट जारी किया है.
1 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद यह साफ हो जाएगा कि कौन से नाम मतदाता सूची में शामिल होंगे और किन्हें बाहर किया जाएगा. चुनाव आयोग के मुताबिक, अब बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर्स) से लेकर ईआरओ (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स) तक इस प्रक्रिया में शामिल होंगे. कुल 243 ईआरओ और 2,976 सहायक ईआरओ दावों और आपत्तियों की जांच करेंगे और तय करेंगे कि किसका नाम रखा जाए और किसे हटाया जाए.
चुनाव आयोग का स्पष्ट बयान
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि बिना किसी पूर्व सूचना या स्पीकिंग ऑर्डर के, मसौदा मतदाता सूची से किसी भी नाम को हटाया नहीं जा सकता. यदि कोई मतदाता अपना नाम हटाने या जोड़ने के लिए आपत्ति दर्ज करना चाहता है, तो वे जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकते हैं. आयोग ने इसके लिए वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया है और एक मानक प्रारूप जारी किया जाएगा.
बिहार में लगभग 65 लाख नाम गायब
बिहार में 7.24 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 91.69% से फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, लेकिन लगभग 65 लाख मतदाता मसौदा सूची से गायब हो सकते हैं. इनमें से 22 लाख मृत मतदाता हैं,और 7 लाख का नाम कई स्थानों पर दर्ज है, जिन्हें एक ही वैध पते पर रखा जाएगा.
36 लाख मतदाता सबसे बड़ी चिंता का विषय
सर्वाधिक चिंता का विषय 36 लाख मतदाताओं (4.59%) का है, जिन्हें स्थायी रूप से स्थानांतरित या अप्राप्य के रूप में चिह्नित किया गया है. इन मतदाताओं के बारे में चुनाव आयोग का मानना है कि या तो उन्होंने कहीं और पंजीकरण कराया है या वे मौजूद नहीं हैं. कुछ ने 25 जुलाई तक फॉर्म भरा होगा और बाकी ने नहीं.
क्या होगा अगला कदम?
मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित होगी, और इसके बाद 1 से 31 सितंबर तक दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया चलेगी. 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. इस दौरान कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल, मसौदा सूची में किसी भी बदलाव के लिए दावा और आपत्ति दर्ज करा सकता है.