बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान गुरुवार, 6 नवंबर 2025 को हो रहा है. इस चरण में राज्य की 121 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. हालांकि, इस बार की सबसे दिलचस्प बात यह है कि कई बाहुबलियों की पत्नियां चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. इनमें से कई पहले भी विधायक रह चुकी हैं और कुछ नई दावेदार हैं जो अपने पति की छवि के सहारे जनता का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही हैं.
1. वीणा देवी (मोकामा सीट, राजद)
- लिस्ट में सबसे पहला नाम वीणा देवी का है, जो बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं.
- वीणा देवी इस बार राजद के टिकट पर मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
- उनका सीधा मुकाबला कुख्यात बाहुबली अनंत सिंह से है.
- इस सीट को लेकर पूरे राज्य में हाई-वोल्टेज मुकाबले की चर्चा है.
2. अरुणा देवी (वारिसलीगंज सीट, भाजपा)
- दूसरा नाम है अरुणा देवी का, जो वारिसलीगंज से भाजपा की उम्मीदवार हैं.
- वह चार बार विधायक रह चुकी हैं और बाहुबली अखिलेश सरदार की पत्नी हैं.
- इस सीट पर अरुणा देवी की पकड़ मजबूत मानी जाती है और वह सत्ता-विरोधी लहर को चुनौती देने में जुटी हैं.
3. अनीता देवी (वारिसलीगंज सीट, राजद)
- वारिसलीगंज सीट इस बार चर्चा में है क्योंकि यहां से दो बाहुबलियों की पत्नियां चुनाव मैदान में हैं.
- अनीता देवी, जो बाहुबली अशोक महतो की पत्नी हैं, राजद के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रही हैं.
- इस सीट पर भाजपा और राजद के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा.
4. विभा देवी (नवादा सीट, जदयू)
- विभा देवी, बाहुबली राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं और जदयू प्रत्याशी के रूप में नवादा सीट से फिर से मैदान में उतरी हैं.
- विभा देवी ने 2020 के चुनाव में इसी सीट से जीत दर्ज की थी और इस बार भी दोबारा सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही हैं.
5. बीमा भारती (रूपौली सीट, राजद)
- रूपौली विधानसभा सीट से बीमा भारती, जो बाहुबली अवधेश मंडल की पत्नी हैं, राजद के टिकट पर मैदान में हैं.
- अवधेश मंडल हत्या, लूट, रंगदारी और आर्म्स एक्ट जैसे कई मामलों में आरोपी हैं.
- बीमा भारती इस सीट से पांच बार विधायक रह चुकी हैं और इस बार भी अपनी राजनीतिक पकड़ बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं.
6. शिवानी शुक्ला (लालगंज सीट, राजद)
- शिवानी शुक्ला, बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी हैं.
- वे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर लालगंज सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
- युवा चेहरे के रूप में शिवानी शुक्ला पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं और अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का दावा कर रही हैं.
बाहुबलियों की पत्नियों की बढ़ती राजनीतिक मौजूदगी
- बिहार की राजनीति में बाहुबलियों का प्रभाव नया नहीं है, लेकिन इस बार उनकी पत्नियां और बेटियां खुलकर राजनीति में उतर आई हैं.
- ये उम्मीदवार अपने पतियों की राजनीतिक ताकत और जनता में मौजूद नेटवर्क का लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं.
- विशेषज्ञ मानते हैं कि बाहुबलियों की पत्नियों का राजनीति में आना “छवि सुधारने की रणनीति” भी हो सकता है, ताकि परिवार की पकड़ बनी रहे.