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India Daily

हिजाब विवाद के बीच ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं महिला डॉक्टर, ज्वाइनिंग को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार

बिहार में हिजाब विवाद से चर्चा में आईं आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन शनिवार को ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं. अधिकारियों के अनुसार उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. ज्वाइनिंग की समय सीमा बढ़ाई गई है और फैसला अब सोमवार पर टिका है.

Kanhaiya Kumar Jha
Nitish Kumar Hijab Controversy
Courtesy: Social Media

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े हिजाब विवाद के केंद्र में रहीं आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन शनिवार को अपनी निर्धारित ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं. इस बात की पुष्टि अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में की.

अधिकारियों के अनुसार, न तो महिला डॉक्टर से और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य से अब तक संपर्क हो सका है, जिससे उनके ज्वाइन करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

पटना के सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि नुसरत परवीन शनिवार शाम 7 बजे तक ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं कर सकीं. इसके बाद उस दिन के लिए ज्वाइनिंग की संभावना समाप्त मानी गई.

उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि ज्वाइनिंग की अंतिम तिथि को 20 दिसंबर के बाद आगे बढ़ा दिया गया है. हालांकि, नई डेडलाइन को लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट तारीख नहीं बताई. सिविल सर्जन के अनुसार, अब यह देखना होगा कि परवीन सोमवार को ड्यूटी ज्वाइन करती हैं या नहीं.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला इसी सप्ताह की शुरुआत में उस समय चर्चा में आया, जब पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम के दौरान आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे. उसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नुसरत परवीन के नकाब को लेकर सवाल किया. यह दृश्य कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद इसे लेकर हिजाब विवाद खड़ा हो गया.

PHC में भी नहीं पहुंचीं डॉक्टर

पटना सदर के सबलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात सर्जन विजय कुमार ने भी पुष्टि की कि नुसरत परवीन वहां ड्यूटी पर नहीं आईं. उन्होंने बताया कि शनिवार को पांच से छह अन्य डॉक्टरों ने ज्वाइन किया, लेकिन परवीन उनमें शामिल नहीं थीं.

उनके मुताबिक, परवीन का नाम सूची में दर्ज है, लेकिन सिविल सर्जन कार्यालय से उनका नियुक्ति पत्र अब तक PHC को प्राप्त नहीं हुआ है. नियमों के अनुसार, किसी भी डॉक्टर को अपने कार्यस्थल पर ज्वाइन करने से पहले सिविल सर्जन कार्यालय में रिपोर्ट करना होता है.

राज्यपाल की प्रतिक्रिया

इस पूरे विवाद पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने निराशा जताई. उन्होंने कहा कि इस मामले में ‘विवाद’ शब्द का इस्तेमाल दुखद है. राज्यपाल ने सवाल उठाया कि क्या पिता और बेटी के बीच कोई विवाद हो सकता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार महिला छात्रों को अपनी बेटियों की तरह मानते हैं और इस मुद्दे को जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया है.

कॉलेज प्रबंधन का पक्ष

गवर्नमेंट टिब्बी कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल महफूजुर रहमान ने बताया कि नुसरत परवीन अभी तक ज्वाइन नहीं कर सकी हैं और उनके भविष्य के कदम को लेकर कोई अंतिम फैसला सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि इस विशेष मामले में ज्वाइनिंग की समय सीमा बढ़ाई गई है.

रहमान के अनुसार, परिवार मीडिया की अत्यधिक कवरेज से परेशान है और फिलहाल किसी तरह की सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परिवार सरकार या मुख्यमंत्री से नाराज नहीं है और कोलकाता शिफ्ट होने की खबरें निराधार हैं. कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि परवीन के पास अभी नौकरी ज्वाइन करने या आगे की पढ़ाई जारी रखने, दोनों विकल्प खुले हुए हैं.