बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. AIMIM, जो राज्य में मुस्लिम समुदाय के कुछ हिस्सों में असर रखती है, अब खुलकर महागठबंधन में शामिल होने की बात कर रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने राजद प्रमुख लालू यादव को एक पत्र लिखकर यह प्रस्ताव रखा है.
AIMIM की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अगर राज्य में सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोकना है, तो सेक्युलर वोटों को एकजुट करना ज़रूरी है. अख्तरुल ईमान ने लिखा कि AIMIM को महागठबंधन में शामिल करना इस दिशा में अहम कदम होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले चुनावों में बिखरे वोटों का सीधा फायदा भाजपा और उसके सहयोगियों को हुआ है, जिसे 2025 के विधानसभा चुनाव में नहीं दोहराया जाना चाहिए.
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि AIMIM ने पहले भी दो बार महागठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश की थी. एक बार 2020 के विधानसभा चुनाव के समय और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में. लेकिन दोनों बार इन प्रयासों को कोई सफलता नहीं मिली. बावजूद इसके, पार्टी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह गठबंधन में शामिल होकर एकजुट चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी का मानना है कि इससे राज्य में सेक्युलर ताकतों को मजबूती मिलेगी और भाजपा जैसी पार्टियों को टक्कर दी जा सकेगी.
अब तक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, सूत्रों के हवाले से यह जरूर कहा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को AIMIM की तरफ से कोई प्रत्यक्ष प्रस्ताव नहीं मिला है. लेकिन चूंकि अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सीधे लालू प्रसाद को पत्र लिखा है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन इस प्रस्ताव पर विचार करता है या AIMIM की तीसरी कोशिश भी विफल रहती है. फिलहाल सभी की नजरें लालू यादव की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं.