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India Daily

बिहार चुनाव में खेला करेंगे असदुद्दीन ओवैसी!, AIMIM ने लालू यादव को लेटर लिखकर ऐसा क्या कहा?

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने एक बार फिर महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है. पार्टी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर अपील की है कि सेक्युलर वोटों को बांटने से बचाने के लिए AIMIM को गठबंधन में लिया जाए. इससे पहले 2020 और 2024 में भी ऐसी कोशिशें की गई थीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Asaduddin Owaisi
Courtesy: web

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. AIMIM, जो राज्य में मुस्लिम समुदाय के कुछ हिस्सों में असर रखती है, अब खुलकर महागठबंधन में शामिल होने की बात कर रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने राजद प्रमुख लालू यादव को एक पत्र लिखकर यह प्रस्ताव रखा है.

AIMIM की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अगर राज्य में सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोकना है, तो सेक्युलर वोटों को एकजुट करना ज़रूरी है. अख्तरुल ईमान ने लिखा कि AIMIM को महागठबंधन में शामिल करना इस दिशा में अहम कदम होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले चुनावों में बिखरे वोटों का सीधा फायदा भाजपा और उसके सहयोगियों को हुआ है, जिसे 2025 के विधानसभा चुनाव में नहीं दोहराया जाना चाहिए.

2020 और 2024 में भी किया था प्रयास

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि AIMIM ने पहले भी दो बार महागठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश की थी. एक बार 2020 के विधानसभा चुनाव के समय और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में. लेकिन दोनों बार इन प्रयासों को कोई सफलता नहीं मिली. बावजूद इसके, पार्टी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह गठबंधन में शामिल होकर एकजुट चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी का मानना है कि इससे राज्य में सेक्युलर ताकतों को मजबूती मिलेगी और भाजपा जैसी पार्टियों को टक्कर दी जा सकेगी.

आरजेडी की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं

अब तक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, सूत्रों के हवाले से यह जरूर कहा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को AIMIM की तरफ से कोई प्रत्यक्ष प्रस्ताव नहीं मिला है. लेकिन चूंकि अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सीधे लालू प्रसाद को पत्र लिखा है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन इस प्रस्ताव पर विचार करता है या AIMIM की तीसरी कोशिश भी विफल रहती है. फिलहाल सभी की नजरें लालू यादव की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं.