IND W vs BAN W: कौन हैं उमा छेत्री, जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ किया वनडे डेब्यू? जानें कैसा रहा है रिकॉर्ड

भारत की युवा विकेटकीपर बल्लेबाज उमा छेत्री ने बांग्लादेश के खिलाफ महिला वर्ल्ड कप में खेले जा रहे मुकाबले में अपना वनडे डेब्यू किया. आइए जानते हैं कि उनका रिकॉर्ड कैसा रहा है.

@BCCIWomen
Praveen Kumar Mishra

नवी मुंबई: विमेंस वर्ल्ड कप 2025 में भारत और बांग्लादेश की टीम मुकाबला खेल रही है. इस मुकाबले में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है. भारत के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज उमा छेत्री ने वनडे डेब्यू किया.

23 साल की उमा छेत्री ने अपने शानदार प्रदर्शन और मेहनत से भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाई. उन्हें वर्ल्ड कप के लिए चोटिल यास्तिका भाटिया की जगह शामिल किया गया था और अब उन्हें डेब्यू करने का मौका मिला है.

शुरुआती जीवन और क्रिकेट के प्रति जुनून

उमा छेत्री का जन्म 2002 में असम के गोलाघाट जिले में हुआ था. बचपन में ही उन्हें क्रिकेट का शौक अपने बड़े भाई-बहनों को गलियों में खेलते देखकर हुआ. जब वह सिर्फ तीन साल की थीं, तब उनकी मां दीपा ने उन्हें एक प्लास्टिक का बल्ला गिफ्ट किया था. यहीं से उनके क्रिकेट सफर की नींव पड़ी.

हालांकि, उमा का यह सफर आसान नहीं था. उनके पिता लोक बहादुर, जो एक छोटे किसान हैं, को परिवार का खर्च चलाने में कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इसके बाद भी उमा की मां ने हमेशा उनकी हौसला अफजाई की और उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया.

स्थानीय कोच और पहला ब्रेक

उमा ने स्थानीय कोच राजा रहमान और मेहबूब आलम के मार्गदर्शन में क्रिकेट की बारीकियां सीखीं. 2011 में गोलाघाट जिला खेल संघ के कोषाध्यक्ष अजय शर्मा ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और असम क्रिकेट संघ को उनकी सिफारिश की. इसके बाद, 2017 में उमा असम की राज्य टीम का हिस्सा बन गईं.

2024 में उमा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ T20I मैच में भारत के लिए डेब्यू किया. अब तक उन्होंने सात T20I मैच खेले हैं, जिसमें चार पारियों में 37 रन बनाए हैं. हालांकि, वनडे क्रिकेट में उनकी शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ हुई, जो उनके करियर का एक और बड़ा कदम है.

असम की पहली महिला क्रिकेटर

उमा छेत्री असम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र से भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर हैं. उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके क्षेत्र का नाम रोशन किया है बल्कि कई युवा लड़कियों को क्रिकेट में करियर बनाने के लिए प्रेरित भी किया है.