Sunil Gavaskar: भारतीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम है, जिसे हर कोई सम्मान देता है. लेकिन हाल ही में उनके कारण एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिसने भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर सवाल उठा दिए हैं. पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई के एक नए नियम की कड़ी आलोचना की है, जिसके तहत धोनी जैसे खिलाड़ियों को फायदा मिल रहा है लेकिन युवा खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है.
आईपीएल 2025 के लिए बीसीसीआई ने एक नया नियम लागू किया है. इसके तहत, जो खिलाड़ी चार साल से ज्यादा समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है, उसे 'अनकैप्ड' खिलाड़ी माना जाएगा. ऐसे खिलाड़ियों को फ्रैंचाइजी 4 करोड़ रुपये में रिटेन कर सकती है. इस नियम का सबसे बड़ा फायदा चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी को मिला है, जो 43 साल की उम्र में भी आईपीएल खेल रहे हैं. गावस्कर का मानना है कि यह नियम खासतौर पर धोनी को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
गावस्कर ने अपने एक कॉलम में लिखा कि इस नियम से युवा खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है. उनका कहना है कि जब युवा खिलाड़ी इतनी बड़ी रकम कमाने लगते हैं, तो उनकी मेहनत और जुनून कम हो जाता है. नतीजा यह होता है कि वे जल्दी ही क्रिकेट से गायब हो जाते हैं, जो भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ा नुकसान है.
सुनील गावस्कर ने इस बात पर जोर दिया कि आईपीएल में युवा खिलाड़ियों को अचानक करोड़पति बनने का मौका मिलता है. इससे वे अपनी मेहनत और लगन खो देते हैं. गावस्कर के अनुसार, कई युवा खिलाड़ी जो करोड़ों रुपये कमाते हैं, वे अपने राज्य की टॉप 30 खिलाड़ियों की सूची में भी जगह नहीं बना पाते.
उन्होंने यह भी कहा कि जब ये युवा खिलाड़ी अपने आदर्श खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करते हैं, तो वे इतने प्रभावित हो जाते हैं कि उनका ध्यान खेल से हट जाता है. इससे उनका करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाता है. गावस्कर ने बीसीसीआई से सवाल किया कि क्या इस तरह के नियम भारतीय क्रिकेट को मजबूत करने के बजाय कमजोर नहीं कर रहे?