'रोहित को कभी कप्तान नहीं बनाना चाहता था BCCI, मजबूरी में सौंपी कमान', जानें किस पूर्व सेलेक्टर के खुलासे से मच सकता है घमासान?
रोहित शर्मा को हाल ही में सभी फॉर्मेट की कप्तानी से हटा दिया गया था. ऐसे में इसको लेकर अब पूर्व सेलेक्टर ने बड़ा खुलासा किया है कि इसका फैसला 2023 में ही ले लिया गया था.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में कप्तानी को लेकर हमेशा से बड़ा उत्साह रहता है. अब जब शुभमन गिल टेस्ट और वनडे के कप्तान बन चुके हैं और टी20 में भी उप-कप्तान हैं, तो साफ लग रहा है कि जल्द ही वो तीनों फॉर्मेट की कमान संभाल लेंगे.
हालांकि, क्या आपको पता है कि गिल को भविष्य का कप्तान बनाने का प्लान बीसीसीआई ने बहुत पहले से तैयार कर लिया था? एक पूर्व सेलेक्टर ने इसका चौंकाने वाला खुलासा किया है.
2023 में ही शुरू हो गई थी प्लानिंग
पूर्व भारतीय सेलेक्टर सलिल अंकोला ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि 2023 में ही बोर्ड ने शुभमन गिल को रोहित शर्मा के बाद का कप्तान मान लिया था. उस साल गिल ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया था. टेस्ट में दोहरा शतक, वनडे में ढेर सारे शतक और विश्व कप में डेंगू से चूकने के बावजूद 350 से ज्यादा रन.
अंकोला ने किया बड़ा खुलासा
अंकोला ने विक्की लालवानी के यूट्यूब चैनल पर कहा, 'हम लोग तो 2023 से ही मान चुके थे कि गिल ही कप्तान बनेगा. हमने उस वक्त ही सोच लिया था कि सही समय आने पर वो कमान संभाल लेगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'सेलेक्टर सिर्फ कोच और कप्तान की नहीं सुनते, सीनियर खिलाड़ियों और रिटायर्ड खिलाड़ियों की राय भी लेते हैं. सबने एक स्वर में कहा था कि गिल ही सही लड़का है.'
एक कप्तान की पुरानी परंपरा की वापसी
भारतीय क्रिकेट में ज्यादातर समय एक ही कप्तान रखने की परंपरा रही है. विराट कोहली के बाद जब रोहित शर्मा को तीनों फॉर्मेट की कप्तानी मिली थी, तब भी उनकी उम्र 30 के पार थी इसलिए सब जानते थे कि उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं चलेगा.
हालांकि, गिल अभी सिर्फ 26 साल के हैं. इतनी कम उम्र में इतना परिपक्व खेल और नेतृत्व क्षमता देखकर बीसीसीआई ने तय कर लिया कि अब लंबे समय तक एक ही चेहरा टीम की अगुवाई करेगा.
इंग्लैंड में साबित किया दम
जब रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया, तो किसी को शक नहीं था कि अगला कप्तान कौन बनेगा. गिल को कप्तानी मिली और पहली ही सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 756 रन ठोके औसत 75.40, चार शतक.
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2-2 से ड्रॉ कराई. इसके बाद जब वो चोट की वजह से दक्षिण अफ्रीका सीरीज में नहीं खेले तो टीम बुरी तरह हार गई. यह साफ बता रहा था कि गिल अब टीम की रीढ़ बन चुके हैं बल्ले से भी और कप्तानी से भी.