जैवलिन थ्रो के सुपरस्टार नीरज चोपड़ा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार चर्चा का कारण उनका भारतीय सेना से इस्तीफा है. टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलंपिक 2024 में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले नीरज पिछले नौ सालों से भारतीय सेना से जुड़े थे.
नीरज चोपड़ा ने 2016 में भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के रूप में अपनी शुरुआत की थी. उस समय वह एक उभरते हुए खिलाड़ी थे, जिनमें अपार संभावनाएं दिख रही थीं. सेना ने न केवल उन्हें अनुशासन और समर्पण का पाठ पढ़ाया, बल्कि उनके खेल को निखारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज को सूबेदार से सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नति दी गई थी. यह सम्मान उनकी कड़ी मेहनत और देश के लिए उनके योगदान का प्रतीक था.
सेना में रहते हुए नीरज ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का परचम लहराया. सेना ने उन्हें प्रशिक्षण, सुविधाएं और समर्थन प्रदान किया, जिसने उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. लेकिन अब, नीरज ने एक नया रास्ता चुनने का फैसला किया है.
इस्तीफे का कारण
नीरज के इस्तीफे के पीछे के कारणों को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि वह अपने खेल और निजी करियर पर अधिक ध्यान देना चाहते हैं. असल में सेना में (और अन्य सरकारी सेवाओं में) ये साफ नियम हैं कि एक साथ दो अलग-अलग पद और सेवाओं में नहीं रहा जा सकता.
हाल ही में नीरज ने अपने टूर्नामेंट, नीरज चोपड़ा क्लासिक के आयोजन को लेकर भी सुर्खियां बटोरी थीं. इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम को आमंत्रित करने पर उन्हें कुछ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. हालांकि, नीरज ने इस पर स्पष्टता के साथ जवाब दिया था कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए और यह आयोजन खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए था.