भारतीय टीम से लगातार बाहर चल रहे खिलाड़ी ने किया संन्यास का ऐलान, 36 साल की उम्र में क्रिकेट को कहा अलविदा
Parvez Rasool Retirement: जम्मू-कश्मीर के स्टार ऑलराउंडर परवेज रसूल ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. रसूल लगातार टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे और ऐसे में उन्होंने 36 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कहा.
Parvez Rasool Retirement: जम्मू-कश्मीर के स्टार क्रिकेटर परवेज रसूल ने 36 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास लेने का बड़ा फैसला किया है. उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को अपने इस निर्णय की जानकारी दी. रसूल जम्मू-कश्मीर से भारतीय टीम और आईपीएल में खेलने वाले पहले खिलाड़ी थे. 17 साल के अपने फर्स्ट-क्लास करियर में उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया.
परवेज रसूल का जन्म जम्मू-कश्मीर के बिजबेहरा में हुआ था. उन्होंने अपने करियर में 352 विकेट लिए और 5,648 रन बनाए. रसूल ने रणजी ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में जम्मू-कश्मीर का नेतृत्व किया और कई बड़ी टीमों को हराकर अपनी टीम का नाम रोशन किया. उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें दो बार (2013/14 और 2017/18) लाला अमरनाथ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जो रणजी ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर को दिया जाता है.
परवेज रसूल का बयान
रसूल ने एक इंटरव्यू में कहा, “जब मैंने क्रिकेट शुरू किया, तब लोग जम्मू-कश्मीर की क्रिकेट को गंभीरता से नहीं लेते थे लेकिन हमने मेहनत की और कई बड़ी टीमों को हराया. मुझे गर्व है कि मैंने अपनी टीम के लिए योगदान दिया.”
इंटरनेशनल क्रिकेट में कम मौके
परवेज रसूल का इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा. उन्होंने भारत के लिए केवल एक टी-20 और एक वनडे मैच खेला. 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 डेब्यू के दौरान वह चर्चा में आए लेकिन एक विवाद भी हुआ. राष्ट्रगान के समय च्युइंग गम चबाने के कारण उनकी आलोचना हुई थी. इसके बावजूद रसूल ने हमेशा अपनी मेहनत और लगन से जवाब दिया.
आईपीएल और रणजी में शानदार प्रदर्शन
2012-13 का रणजी सीजन रसूल के लिए यादगार रहा. उन्होंने 594 रन बनाए और 33 विकेट लिए. इस प्रदर्शन की बदौलत उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली और आईपीएल में पुणे वॉरियर्स ने उन्हें अनुबंधित किया. रसूल ने कहा, “मैंने हमेशा अपनी टीम के लिए जीतने की कोशिश की. हर बार नतीजे हमारे पक्ष में नहीं रहे, लेकिन मैंने पूरी मेहनत की.”
संन्यास का भावुक फैसला
हाल के वर्षों में रसूल को जम्मू-कश्मीर की टीम से बाहर रखा गया, जिससे उन्हें निराशा हुई. उन्होंने कहा, “टीम से बाहर होने का दुख तो था लेकिन कुछ चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं. मैंने इसे स्वीकार किया और आगे बढ़ा.” रसूल ने कई अन्य राज्यों से ऑफर मिलने के बावजूद जम्मू-कश्मीर को कभी नहीं छोड़ा.