नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम ने रणजी ट्रॉफी के एक रोमांचक मुकाबले में दिल्ली को 7 विकेट से मात देकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया. यह घरेलू क्रिकेट का सबसे पुराना टूर्नामेंट है, जो 1934 से चल रहा है.
पूरे 96 सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर ने दिल्ली जैसी मजबूत टीम को हराया है. इस जीत ने न सिर्फ टीम को आत्मविश्वास दिया बल्कि पूरे क्षेत्र के क्रिकेट प्रेमियों को खुशी से भर दिया.
दिल्ली ने अपने घरेलू मैदान पर खेलते हुए जम्मू-कश्मीर को जीत के लिए 179 रनों का लक्ष्य दिया. जम्मू-कश्मीर की टीम ने इसे सिर्फ 3 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया. इस सफल रन चेज में सबसे बड़ा योगदान कामरान इकबाल का रहा. उन्होंने नाबाद 133 रन ठोके और टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया. उनकी यह पारी मैच की जान बनी रही.
मैच की शुरुआत दिल्ली की बल्लेबाजी से हुई. दिल्ली ने पहली पारी में 211 रन बनाए. लेकिन जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजों ने उन्हें बड़ा स्कोर बनाने नहीं दिया. आकिब नबी ने कमाल की गेंदबाजी की और सिर्फ 35 रन देकर 5 विकेट झटके. उनकी यह प्रदर्शन टीम को मजबूत स्थिति में ले आया.
दिल्ली के 211 रनों के जवाब में जम्मू-कश्मीर ने पहली पारी में 310 रन जोड़े. यहां कप्तान पारस डोगरा ने कमान संभाली और शानदार 106 रन बनाए. उनका शतक टीम के लिए आधारशिला साबित हुआ. इसकी बदौलत जम्मू-कश्मीर को पहली पारी में अच्छी बढ़त मिली.
A monumental victory! 👏
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) November 11, 2025
J & K register an impressive 7⃣-wicket win against Delhi on the back of Qamran Iqbal's knock of 133*(147) 👍
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दूसरी पारी में दिल्ली ने थोड़ा सुधार दिखाया और 277 रन बनाए लेकिन 300 का आंकड़ा पार नहीं कर सके. यहां जम्मू-कश्मीर के युवा गेंदबाज वंशज शर्मा ने कहर बरपाया. उन्होंने अकेले 6 विकेट लिए. पूरी मैच में वंशज ने कुल 8 विकेट चटकाए, जिसमें पहली पारी के 2 विकेट भी शामिल हैं. उनकी गेंदबाजी ने दिल्ली की कमर तोड़ दी.
आकिब नबी को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया लेकिन जीत टीम प्रयास का नतीजा थी. कप्तान पारस डोगरा, कामरान इकबाल और वंशज शर्मा ने अपनी-अपनी भूमिका बखूबी निभाई.