नई दिल्ली: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला गया पहला टेस्ट मैच तीन दिन से भी कम समय में खत्म हो गया. भारत को 30 रन से शर्मनाक हार मिली. यह 15 साल बाद दक्षिण अफ्रीका की कोलकाता में पहली टेस्ट जीत थी.
इस हार ने सिर्फ रिकॉर्ड बुक नहीं बदली बल्कि टीम इंडिया के अंदर चल रहे तनाव को भी सबके सामने ला दिया. सवाल यह है क्या कप्तान शुभमन गिल और हेड कोच गौतम गंभीर घरेलू पिचों को लेकर एक ही पेज पर हैं?
वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले शुभमन गिल ने साफ कहा था कि अब भारत रैंक टर्नर वाली पिचें नहीं बनवाएगा. उनकी बात थी कि अब ऐसी पिचें होंगी जो बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए कुछ न कुछ रखें. मतलब संतुलित और खेलने लायक विकेट.
हालांकि, कोलकाता में जो पिच मिली वह पहले दिन से ही स्पिनरों की मदद करने लगी. मैच में कुल 38 विकेट गिरे (शुभमन गिल चोट की वजह से दूसरी पारी में नहीं खेल पाए). स्पिनरों ने 22 और तेज गेंदबाजों ने 16 विकेट लिए. 124 रन का लक्ष्य भी भारत नहीं चेज कर पाया.
गंभीर ने मैच में मिली हार के बाद पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में बात करते हुए कहा, "पिच बिल्कुल वैसी ही थी जैसी टीम चाहती थी. हार की सारी जिम्मेदारी उन्होंने बल्लेबाजों पर डाल दी. उनका कहना था कि इतने छोटे लक्ष्य को भी नहीं चेज कर पाना बल्लेबाजों की नाकामी है. अगर हम यह मैच जीत जाते तो कोई इस पिच की बुराई नहीं करता.”
चेतेश्वर पुजारा, हरभजन सिंह से लेकर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन तक. सभी ने कोलकाता की पिच को खराब बताया. सबका एक ही कहना था कि यह टेस्ट क्रिकेट के लिए ठीक नहीं थी.
घर में लगातार हार का सिलसिलाअब भारत ने अपने घर में पिछले छह टेस्ट मैचों में से चार हारे हैं. पहले घर में भारत को हराना नामुमकिन सा लगता था लेकिन अब वह पुराना डर खत्म होता दिख रहा है.