IND Vs SA

ENG vs IND: विराट कोहली और एमएस धोनी की सलाह की वजह से इंग्लैंड के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सके आकाश दीप!

ENG vs IND: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में आकाश दीप ने शानदार प्रदर्शन किया था. ऐसे में अब उन्होंने खुलासा किया है कि विराट कोहली और एमएस धोनी की सलाह मान वे अच्छा प्रदर्शन कर सके.

Social Media
Praveen Kumar Mishra

ENG vs IND: भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने 2025 की टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा. इस 28 वर्षीय गेंदबाज ने तीन टेस्ट मैचों में 13 विकेट लिए और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. 

आकाश ने बताया कि उनकी इस सफलता के पीछे पूर्व कप्तान एमएस धोनी और विराट कोहली की सलाह का बड़ा योगदान रहा. दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने उन्हें कड़ी मेहनत करने और आत्मविश्वास बनाए रखने की सलाह दी, जिसने उनके खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.

एजबेस्टन टेस्ट में रचा इतिहास

आकाश दीप ने एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में कमाल कर दिखाया. उन्होंने इस मैच में 10 विकेट लिए और ऐसा करने वाले चेतन शर्मा के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए. आकाश ने आज तक को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, “विराट भाई हमेशा कहते हैं कि अगर आपको किसी चीज में शक हो, तो इतना अभ्यास करो कि सवाल ही न रहें. धोनी भाई भी कहते हैं कि अभ्यास से आत्मविश्वास आता है. क्रिकेट आत्मविश्वास का खेल है और यह तभी आएगा जब आप मेहनत करेंगे.”

द ओवल टेस्ट में रणनीति और धैर्य

सीरीज के आखिरी टेस्ट में भारत ने द ओवल में इंग्लैंड को छह रनों से हराकर सीरीज 2-2 से बराबर की. आकाश ने इस मैच में भारत की रणनीति के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि टीम ने दूसरी नई गेंद नहीं लेने का फैसला इसलिए किया क्योंकि पुरानी गेंद से काफी स्विंग मिल रही थी. पिच सपाट हो चुकी थी, जिससे रन बनाना मुश्किल था. 

आकाश ने कहा, “आखिरी मैच बहुत अहम था. हम 2-1 से पीछे थे इसलिए हमें पूरा ध्यान देना था. एक समय ऐसा लगा कि पिच से कोई मदद नहीं मिल रही, और शायद हम हार जाएं. लेकिन फिर गेंद मूव करने लगी, और दर्शकों के समर्थन ने हमें हौसला दिया. हमने सोचा कि हम जीत सकते हैं.”

ड्रेसिंग रूम में दिग्गजों का मार्गदर्शन

आकाश ने ड्रेसिंग रूम में मौजूद अनुभवी खिलाड़ियों के योगदान की भी तारीफ की. उन्होंने बताया कि जब गेंद स्विंग कर रही थी, तब स्कोरिंग आसान नहीं था क्योंकि गेंद बल्ले से तेजी से नहीं निकल रही थी. भारतीय टीम ने पुरानी गेंद से ही विकेट लेने की रणनीति बनाई और अगर यह काम नहीं करता, तो नई गेंद लेने का विकल्प खुला था.