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India Daily

गौतम गंभीर पर लटकी तलवार, चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया हुई फेल तो BCCI करेगा बाहर!

टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों और गौतम गंभीर के बीच टीम के सुपरस्टार कल्चर को लेकर मतभेद हैं. गंभीर के हेड कोच बनने के बाद टीम इंडिया घरेलू सीरीज हारने के साथ ही 6 टेस्ट मैच हार चुकी है. चैंपियंस ट्राफी पर टीम का प्रदर्शन गंभीर के भविष्य का फैसला कर सकता है.

 Gautam Gambhir Future Post
Courtesy: Social media

टीम इंडिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार के बाद बीसीसीआई काफी सख्त नजर आ रहा है. रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियो के भविष्य को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं. इसी के साथ टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के प्रदर्शन पर भी बोर्ड की नजर है.

फरवरी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया के प्रदर्शन के आधार पर उनका मूल्याकंन किया जा सकता है. टीम इंडिया में लंबे समय से चल रहे स्टार कल्चर को लेकर ड्रेसिंग रूम में अंसतोष की खबरें मीडिया में आ रही हैं.

टीम इंडिया के कई स्टार खिलाड़ी कई सालों बाद रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए नजर आएंगे. इनमें रोहित शर्मा और विराट कोहली प्रमुख नाम हैं. दोनों की फॉर्म इस समय चिंता का विषय बनी हुई है. गौतम गंभीर ने पिछले साल जुलाई में टीम इंडिया के हेड कोच का पद संभाला था. इसके बाद टीम इंडिया 10 में से 6 टेस्ट मैच हार चुकी है. इसके अलावा टीम इंडिया श्रीलंका के साथ बाइलेटरल सीरीज भी हार चुकी है.

गंभीर के सीनियर खिलाड़ियों से मतभेद!
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से सीरीज हारने के बाद गौतम गंभीर भी बीसीसीआई के रडार पर आ चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई सीरीज में उनके कई प्रमुख खिलाड़ियों के साथ मतभेद की खबरें आईं. मीडिया रिपोर्ट्स में बीसीसीआई के सूत्रों से खबर मिली है कि अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो मुख्य कोच के पद को लेकर फैसला लिया जा सकता है. हालांकि उनका कॉन्ट्रेक्ट वर्ल्ड कप 2027 तक है लेकिन उनके प्रदर्शन का मूल्याकंन किया जा रहा है.

'गंभीर ने दिया अपेक्षित परिणाम'

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि खेल रिजल्ट पर आधारित होता है. गंभीर ने अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं दिए हैं. टीम कल्चर को लेकर गौतम गंभीर और सीनियर खिलाड़ियों में मतभेद हैं. इसे लेकर राष्ट्रीय चयन समिति का मानना है कि हेड कोच को चयन के मामलों में बहुत अधिक बोलने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए. बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी इस बात से भी नाराज हैं कि गंभीर के निजी सहायक ने ऑस्ट्रेलिया में हर जगह टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर नजर रखी.