मिताली राज को मिला बड़ा सम्मान, विशाखापट्टनम में बना पूर्व बल्लेबाज के नाम का स्टैंड
Mithali Raj Stand: भारत की पूर्व महान बल्लेबाज मिताली राज को क्रिकेट जगत में उनके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों के लिए बड़ा सम्मान दिया जाएगा. उनके नाम का विशाखापट्टनम में स्टैंड बनाया जाएगा.
Mithali Raj Stand: विशाखापट्टनम के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में भारतीय महिला क्रिकेट की दिग्गज खिलाड़ी मिताली राज और रवि कल्पना को विशेष सम्मान दिया जा रहा है. 12 अक्टूबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले महिला विश्व कप मैच से पहले स्टेडियम में इन दोनों खिलाड़ियों के नाम पर स्टैंड का नामकरण किया जाएगा. यह पहल आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) की ओर से की गई है, जो महिला क्रिकेट में इनके योगदान को सम्मानित करने का एक शानदार कदम है.
मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे बड़ी हस्तियों में से एक हैं. उन्होंने 2022 में क्रिकेट से संन्यास लिया था. अपने शानदार करियर में मिताली ने 232 वनडे मैचों में 50.68 की औसत से 7,805 रन बनाए, जिसमें सात शतक शामिल हैं. इसके अलावा 89 टी20 मैचों में 2,364 रन और 12 टेस्ट मैचों में 43.68 की औसत से 699 रन बनाए. उनकी निरंतरता और लंबे समय तक उच्च स्तर पर प्रदर्शन ने उन्हें नई पीढ़ी के लिए एक आदर्श बना दिया है.
रवि कल्पना के नाम पर भी स्टैंड
रवि कल्पना का अंतरराष्ट्रीय करियर भले ही छोटा रहा हो लेकिन उनका योगदान आंध्र प्रदेश के क्रिकेट में महत्वपूर्ण है. उन्होंने 2015 से 2016 के बीच सात वनडे खेले. उनकी सफलता ने अरुंधति रेड्डी, एस मेघना और एन श्री चरणी जैसे स्थानीय खिलाड़ियों को प्रेरित किया है. कल्पना की कहानी ने क्षेत्र की कई युवा लड़कियों को क्रिकेट को गंभीरता से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है.
स्मृति मंधाना की सुझाव से शुरूआत
इस सम्मान की शुरुआत भारतीय सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना के एक सुझाव से हुई. अगस्त में आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश के साथ “ब्रेकिंग द बाउंड्रीज” कार्यक्रम में बातचीत के दौरान स्मृति ने मिताली और कल्पना के नाम पर स्टैंड बनाने का विचार रखा.
इस सुझाव को तुरंत स्वीकार करते हुए एसीए और मंत्री लोकेश ने इसे लागू करने का फैसला किया. स्मृति मंधाना के सुझाव ने लोगों की भावनाओं को व्यक्त किया. इसे तुरंत लागू करना महिला क्रिकेट के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और इन दिग्गज खिलाड़ियों के योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है.”
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