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India Daily

खेल कोटे के तहत 24 खो-खो खिलाड़ियों को सीआईएसएफ में मिली नौकरी

मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) परिसर में आयोजित ट्रायल में शीर्ष एथलीटों ने भर्ती की सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी कर ली हैं. ये खिलाड़ी महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु , हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों सहित देश भर से हैं और इस साल की शुरुआत में आयोजित खो-खो विश्व कप 2025 और अल्टीमेट खो-खो (यूकेके) लीग (सीज़न 1 और 2) में भारत के लिए खेल चुके हैं

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Edited By: Gyanendra Sharma
Kho-Kho players
Courtesy: Social Media

भारत भर में व्यापक रूप से खेला जाने वाला खेल खो-खो रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है. हाल ही में खेल कोटे के माध्यम से 24 खिलाड़ियों  12 पुरुष और 12 महिलाएं  का चयन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में हेड कांस्टेबल के पद के लिए किया गया है.

मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) परिसर में आयोजित ट्रायल में शीर्ष एथलीटों ने भर्ती की सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी कर ली हैं. ये खिलाड़ी महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु , हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों सहित देश भर से हैं और इस साल की शुरुआत में आयोजित खो-खो विश्व कप 2025 और अल्टीमेट खो-खो (यूकेके) लीग (सीज़न 1 और 2) में भारत के लिए खेल चुके हैं, जिससे शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के रूप में उनकी प्रतिष्ठा और भी बढ़ गई है.

ज़्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ान

भारतीय खो-खो महासंघ  के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "हमारे युवा खो-खो खिलाड़ियों को मेरिट सूची में सफलतापूर्वक जगह बनाते देखना बेहद खुशी की बात है. खो-खो की बढ़ती लोकप्रियता करियर के नए रास्ते खोल रही है और ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को इस खेल में बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित कर रही है. यह सफलता न केवल व्यक्तिगत एथलीटों के लिए फायदेमंद है, बल्कि भारत के खेल जगत में खो-खो के बढ़ते कद को भी पुष्ट करती है."

केकेएफआई के प्रशासन एवं संगठन के अध्यक्ष डॉ. एमएस त्यागी ने कहा कि यह खिलाड़ियों के लिए बहुत मायने रखता है. "हमारे ज़्यादातर खो-खो खिलाड़ी साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं, और उनकी अथक लगन ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने में मदद की है. खेल कोटे के जरिए एक स्थिर सरकारी नौकरी मिलने से उन्हें और उनके परिवारों को गर्व, सम्मान और सुरक्षा मिलती है, साथ ही उन्हें खेल में योगदान जारी रखने के लिए प्रोत्साहन भी मिलता है. हम केंद्र और राज्य सरकारों को रोज़गार के अवसरों के ज़रिए स्वदेशी खेलों को लगातार बढ़ावा देने के लिए धन्यवाद देते हैं."

अब तक भारत भर में 3,000 से ज्यादा को मिला जॉब

केकेएफआई के अनुसार, अब तक भारत भर में 3,000 से ज़्यादा खो-खो खिलाड़ियों को रेलवे, आयकर, बैंक, डाक सेवाओं और विभिन्न अर्धसैनिक बलों जैसे क्षेत्रों में खेल कोटा योजनाओं के तहत रोज़गार के अवसरों का लाभ मिला है. 24 खिलाड़ियों का सीआईएसएफ में शामिल होना एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है.