menu-icon
India Daily
share--v1

कौन थीं महसा अमीनी, जिनकी पुलिस हिरासत में मौत पर उठ रहे कई सवाल

संयुक्त राष्ट्र के एक फैक्ट फाइंडिंग मिशन ने अपनी जांच में पाया कि दो साल पहले हुई महसा अमीनी की मौत गैरकानूनी थी और पुलिस की शारीरिक हिंसा के कारण उनकी मौत हुई थी.

Courtesy: Google

महसा अमीनी

महसा अमीनी, वो महिला जिसने ईरान में महिलाओं की हिजाब से आजादी को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी.

Courtesy: Google

पुलिस की शारीरिक हिंसा के कारण हुई थी महसा अमीनी की मौत

संयुक्त राष्ट्र के एक फैक्ट फाइंडिंग मिशन ने अपनी जांच में पाया कि दो साल पहले हुई महसा अमीनी की मौत गैरकानूनी थी और पुलिस की शारीरिक हिंसा के कारण उनकी मौत हुई थी.

Courtesy: Google

ईरान में महिलाएं भेदभाव की शिकार

मिशन ने सोमवार को यह भी कहा कि ईरान में महिलाएं अभी भी व्यवस्थित भेदभाव का शिकार हैं.

Courtesy: Google

कौन थी महसा अमीनी

बता दें कि 22 वर्षीय कुर्द ईरानी महसा अमीनी को इस्लामिक ड्रेस कोड का उल्लंघन करने को लेकर हिरासत में लिया गया था और सितंबर 2022 में पुलिस कस्टडी में ही उनकी मौत हो गई थी.

Courtesy: Google

अमीनी की मौत के बाद सड़कों पर उतर आई थी जनता

अमीनी की मौत के बाद पूरे ईरान में महीनों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. इन विरोध प्रदर्शनों ने इस इस्लामिक देश के मौलवी नेताओं के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी.

Courtesy: Google

'ईरान में महिलाओं पर रखी जा रही नजर'

जिनेवा में मानवाधिकार परिषद की बैठक में इस मिशन की प्रमुख सारा हुसैन ने कहा कि ईरान में AI और तकनीक की मदद से महिलाओं पर नजर रखी जा रही है.

Courtesy: Google

हिजाब पहनने को लेकर बनाया जा रहा दबाव

उन्होंने कहा कि वो हिजाब के नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं इसके लिए सरकार हर प्रकार की मशीनरी का प्रयोग कर रही है.

Courtesy: Google

ईरान ने किया आरोपों का खंडन

उधर ईरान ने मिशन पर इस रिपोर्ट को बनाने में स्वतंत्रता और निष्पक्षता की भारी कमी का आरोप लगाया है.