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World Suicide Prevention Day: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज, जानिए आंकड़े, कारण और रोकथाम के उपाय

World Suicide Prevention Day: डॉक्टरों का मानना है कि समय पर बातचीत और मदद से आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकी जा सकती है. हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि जीवन का कोई विकल्प नहीं है.

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Edited By: Reepu Kumari
World Suicide Prevention Day
Courtesy: Pinterest

World Suicide Prevention Day: ये जिंदगी बहुत किमती है इसे अहमियत दें. आत्महत्या केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे समाज की त्रासदी है. जिंदगी की कीमत को समझना और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है. अलीगढ़ जिले में इस वर्ष 1 जनवरी से 30 अगस्त तक 145 लोगों ने अपनी जान ले ली. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 129 लोग महज 18 से 30 साल की उम्र के थे. यह साफ दर्शाता है कि युवा वर्ग तनाव, अवसाद और सामाजिक दबाव का सबसे ज्यादा शिकार हो रहा है.

10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस इसी उद्देश्य से मनाया जाता है कि समाज मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से ले और ऐसे कदम उठाए जिससे लोगों को आशा और सहारा मिल सके. विशेषज्ञों का कहना है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है. समय पर उपचार, परामर्श और भावनात्मक सहारा कई जिंदगियां बचा सकता है.

अलीगढ़ में आठ महीने में 145 आत्महत्याएं

आंकड़े बताते हैं कि अलीगढ़ जिले में महज आठ महीनों में 145 लोगों ने आत्महत्या की. इनमें 82 पुरुष और 63 महिलाएं शामिल थीं. 145 में से 129 आत्महत्याएं 18 से 30 साल की उम्र के युवाओं ने कीं. यह स्पष्ट करता है कि युवा मानसिक दबाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

रोकथाम के उपाय

  • मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना
  • जागरूकता अभियान चलाना
  • व्यवहार में बदलाव पर ध्यान देना
  • भावनात्मक सहारा देना
  • काउंसलिंग और उपचार उपलब्ध कराना
  • विशेषज्ञों की राय

हादसे से अवसाद, काउंसलिंग से सुधार

क्वार्सी निवासी 15 वर्षीय किशोरी ने अपने सामने चाचा की मौत देखी थी. घटना के बाद वह खुद को दोषी मानने लगी और आत्महत्या की कोशिश की. एक साल के उपचार और काउंसलिंग से आज वह सामान्य जीवन जी रही है.

पारिवारिक कलह से अवसाद, उपचार से राहत

एक महिला अपने आईआईटियन पति से लगातार झगड़ों के चलते अवसाद में चली गई और आत्महत्या का प्रयास किया. लेकिन उपचार और काउंसलिंग ने उसे सामान्य कर दिया. डॉक्टरों का मानना है कि समय पर बातचीत और मदद से आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकी जा सकती है. हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि जीवन का कोई विकल्प नहीं है.

Disclaimer: इंडिया डेली आत्महत्या को किसी भी तरह से सपोर्ट नहीं करता है. अगर आप या आपके आसपास के लोग किसी तरह के मानसीन तनाव से जूझ रहे हैं तो अपनों से बात करें. याद रखें कुछ भी नामुमकिन नहीं है. बस हिम्मत और खुद पर भरोसा रखें. साथ ही यहां दी गई तमाम जानकारी अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट से ली गई हैं. इंडिया डेली आपको सलाह देता है इन हालातों में अपने डॉक्टर से परामर्श लें.