45 दिनों तक नहीं खराब होता ये टमाटर, जानिए क्या है कारण?
Tomato: टमाटर की सेल (Cell) पेक्टिन की होती है. इसमें पीजी नामक जीन पाई जाती है.पॉलीगैलेक्टुरिक एसिड के कारण टमाटर की कोशिका में पाई जाने वाली पेक्टिन वॉल बहुत जल्दी नरम हो जाती.
नई दिल्ली. भारत में आजकल टमाटर के दाम आसमान पर चढ़े हुए हैं. लोगों के घरों में बिना टमाटर के ही सब्जी बनाई जा रही है. देश के अलग-अलग शहरों में 100 रुपए से लेकर 250 रुपए किलो तक इसकी कीमत है. बढ़ती कीमतों की वजह से टमामटर सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इस बार इसके महंगे होने की मुख्य वजह भारी बारिश की वजह से बर्बाद हुई फसल बताई जा रही है. साथ ही साथ इसकी सेल्फ लाइफ भी. टमाटर की सेल्फ लाइफ (Self Life of tomato) बहुत कम होती है. जिसके चलते यह बहुत जल्दी खराब हो जाता है. इसीलिए जरूरी है कि ऐसे टमाटर लें जो लंबा टिके, जल्दी खराब न हो. आज हम आपको उस टमाटर के बारे में बताएंगे जो 45 दिनों तक खराब नहीं होता.
यह भी पढ़ें- फ्रेंडशिप डे पर दोस्तों को दें ये गिफ्ट्स, मजबूत होगी आपकी दोस्ती
ये है वो टमाटर
मार्केट में आपने टमाटर की बहुत कम ही वैराइटी देखी होंगी. हमारे यहां ज्यादातर देशी टमाटर ही मिलते हैं. आजकल मंहगाई की वजह से वो भी मिलना बड़ा मुश्किल हो रहे हैं. सबसे लम्बी सेल्फ लाइफ वाले टमाटर का नाम है "FLAVR SAVR TOMATO". इसकी उम्र 45 दिनों तक होती है. इतने दिन तक यह खराब नहीं होता. आमतौर पर जब आप नार्मल टामाटर खरीद कर लाते हैं तो ज्यादा से ज्यादा 1 हफ्ते के भीतर ही वह खराब हो जाता है लेकिन यह 45 दिनों तक नहीं खराब होता. इसे "फ्लेवर सेवर" भी कहते हैं. जेनेटिक भाषा में इसे CGN- 89564- 2 कहते हैं.
किसने किया है इसे विकसित
आम टमाटर जल्दी पक जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए लिफ़ोर्निया की कैलगेन कंपनी ने जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से जीन साइलेंसिंग की टेक्निक का इस्तेमाल करते हुए टमाटर के स्वाद और कलर में बदलाव किए बिना लंबी सेल्फ लाइफ वाले टमाटर विकसित किए हैं. इन टमाटरों के पकने की प्रक्रिया आम टमाटर से धीमी हेती है. जिसके चलते इनकी सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है.
इस लिए जल्दी नहीं होता खराब
टमाटर की सेल पेक्टिन की होती है.इसमें पीजी नामक जीन पाई जाती है. पॉलीगैलेक्टुरिक एसिड के कारण टमाटर की कोशिका में पाई जाने वाली पेक्टिन वॉल बहुत जल्दी नरम हो जाती. जिसके चलते टमाटर जल्दी पक जाते हैं. अधिक पकने की वजह से ये बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं. वहीं, दूसरी ओर FLAVR SAVR TOMATO में जीन मेथड द्वारा पीजी जीन को साइलेंट कर दिया जाता. इसके चलते टमाटर के पकने की ग्रोथ धीमी हो जाती है. जब टमाटर धीमे पकेगा तो देर में खराब होगा.
यह भी पढ़ें- इस समय पी लें आंवले का जूस, वेट से लेकर डायबिटीज तक हो जाएगी कंट्रोल