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India Daily

Pakistan Ram Mandir: पाकिस्तान में भगवान राम का वो प्राचीन मंदिर, जहां अब नहीं कर सकते हैं पूजा-अर्चना

Pakistan Mandir: सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में और भी कई मंदिर थे. कराची में रामभक्त हनुमान का पंचमुखी हनुमान मंदिर, बलूचिस्तान में हिंगलाज शक्तिपीठ, कटासराज शिव मंदिर, गोरखनाथ का मंदिर, वरुण देव का मंदिर जैसे कई मंदिर थे. लेकिन अब इनमें से अधिकांश जगहों पर पूजा पर रोक लगा दी गई है.

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Edited By: Aparajita Singh
RAM KUND MANDIR

हाइलाइट्स

  • विभाजन के बाद पूजा-अर्चना पर लगी रोक
  • राम कुंड अब एक दूषित तलब बन गया है

Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. सदियों बाद श्रीराम लला अपने मंदिर में विराजेंगे. इस दिन के लिए हर भारतवासी बेहद उत्साहित है. 22 जनवरी को भारत के हर छोटे-बड़े मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी भगवान राम का एक मंदिर है. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास स्थित सैयदपुर में भगवान राम का यह प्राचीन मंदिर है.

इसके अलावा इस्लामाबाद के ही मार्गल्ला हिल्स में 16 वीं सदी का क प्राचीन मंदिर हैं. जिसे राम मंदिर या 'राम कुंड' मंदिर के नाम से जाना जाता है. हालांकि अब यहां से भगवान की मूर्तियां हटा दी गई हैं और हिंदुओं को यहाँ पूजा-अर्चना की अनुमति नहीं है. सैयदपुर में स्थित मंदिर अब एक आकर्षक पर्यटन स्थल बन गई है. 

खास बात ये है कि पाकिस्तान में सिर्फ भगवान राम ही नहीं बल्कि और भी कई मंदिर हैं. जैसे कि कराची में रामभक्त हनुमान का पंचमुखी हनुमान मंदिर, बलूचिस्तान में हिंगलाज शक्तिपीठ, कटासराज शिव मंदिर, गोरखनाथ का मंदिर, वरुण देव का मंदिर आदि. हालांकि इनमें से अधिकांश मंदिरों में अब पूजा नहीं होती है. 

किसने कराया था निर्माण 

राजपूत राजा मानसिंह ने पाकिस्तान के सैयदपुर गांव में 1580 में प्राचीन राम मंदिर का निर्माण कराया था. ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान राम वनवास के लिए निकले थे, तो यहां भी रुके थे. भारत के विभाजन से पहले ये मंदिर बेहद प्रसिद्ध था, लेकिन जब विभाजन के बाद अधिकतर हिन्दू यहां से भारत चले आए तो ये मंदिर धीरे-धीरे खंडहर में बदल गया. बाद में इस मंदिर से भगवान राम की मूर्तियां हटा दी गई और पूजा पर रोक लगा दी गई. 

'राम कुंड' से ही पानी पीया था श्रीराम ने 

इसके अलावा इस्लामाबाद के ही मार्गल्ला हिल्स राम मंदिर के बारे में मान्यता है कि वनवास के समय भगवान राम सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ यहाँ पर रहे थे. इस मंदिर के बगल में एक तालाब भी है, जिसे राम कुंड कहा जाता है. कहा जाता है कि भगवान राम ने इसी कुंड से पानी पीया था. हालांकि इस मंदिर में भी विभाजन के बाद पूजा पर रोक लगा दी गई थी.

इतना ही नहीं, 1960 में इस्लामाबाद शहर की स्थापना के साल ही राम मंदिर परिसर को लड़कियों के स्कूल में बदल दिया गया था. हालांकि हिन्दू समुदाय के अनवरत विरोध के बाद आखिरकर 2006 में स्कूल को मंदिर से स्थानांतरित कर दिया गया.