समय सचमुच बहुत तेजी से बीतता है, देखते-ही-देखते हम एक नए साल में प्रवेश करने वाले होते हैं. लेकिन पूरी दुनिया में नया साल एक ही समय पर नहीं आता. अलग-अलग देशों में नए साल का स्वागत अलग-अलग समय पर होता है. काल्पनिक समय-सीमाओं को देखते हुए, हर देश में उत्सव मनाने का समय अलग-अलग होता है.
कुछ जल्दी ही ने साल में प्रवेश करते हैं तो वहीं कई देश ऐसे हैं जोकि सबसे अंत में नया साल मनाते हैं, इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि कौन साल सबसे नए साल का जश्न मनाएगा तो वहीं भारत इस सूची में किस पायदान पर है.
बता दें पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 365 दिन और कुछ अतिरिक्त घंटे लगते हैं, जिससे एक साल बनता है. वहीं पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है, जिससे दिन और रात होते हैं. यही घूर्णन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में समय का अंतर पैदा करता है. सूर्य की किरणें सबसे पहले प्रशांत महासागर के क्षेत्र में पड़ती हैं और फिर धीरे-धीरे पूरी पृथ्वी पर फैलती हैं.
इसी समय के अंतर को तय करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line – IDL) बनाई गई है. इस रेखा के पश्चिम में स्थित देश सबसे पहले नए दिन और नए साल में प्रवेश करते हैं.
दुनिया में सबसे पहले नया साल मनाने का श्रेय जाता है किरिबाती गणराज्य को. खास तौर पर इसके लाइन द्वीप समूह में नया साल सबसे पहले शुरू होता है. साल 1995 में किरिबाती ने अपनी समय-सीमा में बदलाव किया था, जिसके बाद यह क्षेत्र दुनिया में सबसे पहले नया साल मनाने लगा. यह देश खास इसलिए भी है क्योंकि इसका भूभाग चारों गोलार्धों में फैला हुआ है.
किरिबाती के बाद प्रशांत महासागर के कई अन्य द्वीपीय देश नए साल का स्वागत करते हैं. इनमें समोआ, टोंगा, टोकेलाऊ और न्यूजीलैंड शामिल हैं. इसके बाद रूस के पूर्वी हिस्से, फिजी, मार्शल द्वीप समूह, नाउरू और वालिस एवं फोर्टुना में नया साल आता है. तब जाकर बारी आती है तुवालू, ऑस्ट्रेलिया, पापुआ न्यू गिनी, गुआम, माइक्रोनेशिया और उत्तरी मारियाना द्वीप समूह की.
दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे पहले नया साल इंडोनेशिया के कुछ हिस्सों में आता है. इसके बाद जापान और उत्तर कोरिया में नए साल की शुरुआत होती है. इनके बाद धीरे-धीरे एशिया के अन्य देश नए साल में प्रवेश करते हैं
नए साल का जश्न सबसे अंत में भारत में मनाया जाता है. इस तरह देखा जाए तो नया साल एक वैश्विक उत्सव है, जो पृथ्वी के घूमने के साथ-साथ अलग-अलग देशों तक पहुंचता है. समय का यह अंतर ही नए साल को और भी दिलचस्प बना देता है.