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India Daily

सऊदी अरब की बंदरगाह पर बमबारी के बाद यमन ने आपातकाल किया घोषित, 72 घंटे की लगाई गई नाकाबंदी

सऊदी अरब के मुकल्ला बंदरगाह पर हवाई हमले के बाद यमन में आपातकाल घोषित किया गया है. यूएई के साथ सुरक्षा समझौता रद्द कर 72 घंटे का सीमा बंद लागू किया गया है.

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
सऊदी अरब की बंदरगाह पर बमबारी के बाद यमन ने आपातकाल किया घोषित, 72 घंटे की लगाई गई नाकाबंदी
Courtesy: @Extreo_ x account

नई दिल्ली: यमन के मुकल्ला शहर में हालात अचानक गंभीर हो गए हैं. सऊदी अरब द्वारा बंदरगाह पर हवाई हमले के बाद यमन की हूती विरोधी ताकतों ने आपातकाल घोषित कर दिया है. इस हमले के बाद प्रशासन ने 72 घंटे का पूर्ण सीमा बंद लागू कर दिया है. सभी बॉर्डर क्रॉसिंग और आवाजाही पर रोक लगा दी गई है.

सऊदी अरब ने कहा कि यह हवाई हमला हथियारों की एक खेप को निशाना बनाकर किया गया.रियाद के अनुसार यह हथियार संयुक्त अरब अमीरात समर्थित अलगाववादी बलों के लिए भेजे जा रहे थे. सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने बताया कि मुकल्ला पहुंचे जहाजों से बख्तरबंद वाहन और हथियार उतारे जा रहे थे. इन जहाजों ने अपनी ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर रखी थी.

सुरक्षा समझौता क्यों हुआ रद्द?

हमले के बाद यमन की हूती विरोधी प्रशासनिक इकाई ने यूएई के साथ सुरक्षा समझौता रद्द कर दिया. सरकारी बयान में कहा गया कि यूएई के साथ संयुक्त रक्षा समझौता तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है. यह फैसला क्षेत्रीय तनाव को और बढाने वाला माना जा रहा है.

सऊदी अरब ने अपने बयान में क्या कहा?

सऊदी अरब ने अपने बयान में कहा कि ये हथियार दक्षिणी ट्रांजिशनल काउंसिल के लिए थे. दक्षिणी ट्रांजिशनल काउंसिल एक शक्तिशाली अलगाववादी संगठन है जिसे यूएई का समर्थन प्राप्त है. सऊदी गठबंधन ने कहा कि यह हथियार शांति और स्थिरता के लिए तात्कालिक खतरा थे. इसलिए सीमित और सटीक हमला किया गया ताकि नागरिकों को नुकसान न हो.

दोनों देश हूती विद्रोहियों के विरोधी हैं लेकिन यमन में अलग अलग गुटों का समर्थन करते हैं. मुकल्ला शहर यमन के हदरमौत प्रांत में स्थित है और अदन से करीब 480 किलोमीटर दूर है.

STC ने बढ़ाया प्रभाव 

हाल के दिनों में दक्षिणी ट्रांजिशनल काउंसिल ने इस इलाके में अपना प्रभाव बढाया है. उसने सऊदी समर्थित नेशनल शील्ड फोर्स से जुडी इकाइयों को पीछे धकेला है.  शुक्रवार को हुए पहले हवाई हमलों को एसटीसी के लिए चेतावनी माना गया था. पूरा रेड सी क्षेत्र पहले से अस्थिर है. सूडान और सोमालिया से जुडे घटनाक्रमों के कारण भी तनाव बढा हुआ है. पूर्वी यमन की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है और समाधान की कोशिशें और जटिल होती जा रही हैं.