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ईरान भी बनेगा अब्राहम समझौते का हिस्सा? डोनाल्ड ट्रंप के बयान से हलचल तेज! इजरायल के लिए क्यों जरूरी ये डील

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब्राहम समझौते को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने व्हाइट हाउस से पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान भी अब्राहम समझौते में शामिल हो सकता है. 

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Edited By: Shanu Sharma
Donald Trump on Abraham Accords
Courtesy: X (@jacksonhinklle, @Osint613)

Donald Trump on Abraham Accords: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और गाजा के बीच शांति स्थापित करने के लिए एक 20 सूत्रीय समझौता पेश किया है. जिससे दोनों देशों के बीच शांति की उम्मीद बढ़ गई है. इस समझौते से पहले उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान अब्राहम समझौते स्थापित किया था. जिसे लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है.

डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अब्राहम समझौता किया गया था. जिसके तहत इजरायल ने चार मुस्लिम-बहुल देशों के साथ राजनयिक संबंध सामान्य किए थे. ट्रंप ने सोमवार को उम्मीद जताई है कि ईरान भी अब्राहम समझौते में शामिल हो सकता है. 

क्या है अब्राहम समझौते?

व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'कौन जानता है, शायद ईरान भी इसमें शामिल हो जाए'.  उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा सच  में लगता है कि वे इसके लिए तैयार होंगे. इस दौरान उनके साथ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे. हालांकि उन्होंने इस बात पर अपनी कोई राय नहीं रखी. जिन्हें अब्राहम समझौते के बारे में ना पता हो उन्हें बता दें कि यह समझौता डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है. जिसे 2020 में फाइनल किया गया था. इस समझौते के तहत पहली बार अरब देशों द्वारा इजरायल को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी. इस समझौते पर संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन  के साथ-साथ मोरक्को और सूडान ने भी हस्ताक्षर किए थे. 

अब्राहम समझौते से सुधरे अरब और इजरायल के रिश्ते 

अब्राहम समझौते से पहले अरब देश इजरायल के साथ सामान्यीकरण को एक फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण से जोड़ते थे. इस समझौते के बाद से संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच मुक्त व्यापार समझौता और रक्षा प्रौद्योगिकी में काफी काम किया गया. हालांकि यह समझौता भी उतना आसान नहीं रहा, इसके लिए ट्रंप के दामाद और वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुशनर ने मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. फिलिस्तीनी नेताओं ने शुरू से ही इन समझौतों की निंदा की. उन्होंने इन्हें एक विश्वासघात के रूप में देखा. हालांकि गाजा और इजरायल के साथ चल रहे युद्ध में हजारों फिलिस्तीनी मारे गए, जिसकी वजह से अरब देश का संबंध एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया. हालांकि एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इजरायल और गाजा के बीच एक समझौते की कोशिश की जा रही है. अगर यह तय होता है तो इसे ट्रंप की बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी.