Druze villages: सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन के बाद 13 सालों से चल रहे संघर्ष का अंत हुआ है. वहां की जनता जगह-जगह पर नए ध्वज के साथ असद की तानाशाही के अंत का जश्न मना रही है. हालांकि कुछ लोग इस नए सरकार के गठन से चिंतित भी है. मिल रही जानकारी के मुताबिक छह ड्रूज़ गांवों के प्रतिनिधियों ने इजरायल में शामिल होने और इजरायली शासन के अधीन रहने का अनुरोध किया है. उनका मानना है कि अल-गोलानी ड्रूज़ के दुश्मन बन सकते हैं.
दरअसल 1967 के छह दिवसीय युद्ध में सीरिया ने इन गांवों पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद 1981 में इजरायल ने इनपर प्रभावी रूप से कब्जा कर लिया. इसके बाद फिर सीरिया ने कब्जा कर लिया. सीरिया और इजरायल के बीच इस एरिया को लेकर चल रहे संघर्ष के कारण मजदल शम्स, ईन किनिये, मासादे और बुकाता सहित गोलान हाइट्स के कई परिवार दो हिस्सों में बंट गए. कुछ लोग इजरायल में चले गए और कुछ अभी भी सीरिया का हिस्सा है. अभी के समय में दोनों पक्षों के बीच एक संयुक्त राष्ट्र-गश्ती बफर ज़ोन है और एक एकल क्रॉसिंग पॉइंट है.
घाटी के किनारे बसे इन शहरों में पहले लोग अपने रिश्तेदारों से चिल्ला-चिल्लाकर बातें करते थे. हालांकि आज के समय में इटरनेट की सुविधा मौजूद हैं लेकिन फिर लोग अपने परिवार से दूर रहने को मजबूर हैं. ऐसे में इन 6 गांवों के प्रतिनिधियों ने इजरायल में शामिल होने का इच्छा जाहिर किया है. हालांकि इजरायल और सीरिया में अभी भी आधिकारिक रुप से युद्ध खत्म नहीं हुआ है. इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहे जंग के बीच 27 जुलाई को सीरिया में विनाशकारी हमला किया गया था. जिसमें शहर के केंद्र में एक फुटबॉल मैदान पर 12 बच्चे और किशोर मारे गए थे. हालांकि यहां रहने वाले लोगों को अपने क्षेत्र से बेहद लगाव है. उन्होंने कहना है कि जब यह क्षेत्र इजरायल से सीरिया में चला गया, तो हमने कभी अपने घर नहीं छोड़ा. आज भी हम यहीं रहना चाहते हैं. उनका कहना है कि इस भूमि से उन्हें पैतृक, आध्यात्मिक लगाव महसूस होता है.
🚨 Breaking: Representatives of six Druze villages in southern Syria request to be annexed to Israel 🇮🇱 and live under Israeli rule 👇pic.twitter.com/PXrzUdOuIV
— Dr. Eli David (@DrEliDavid) December 12, 2024
हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता मोहम्मद अल-गोलानी ने अन्य विद्रोही समूहों के साथ मिलकर एक तेज़ हमला किया. जिसमें संगठन ने सरकार के कब्ज़े वाले क्षेत्र पर कब्ज़ा किया. इस ग्रुप ने रविवार को दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया. अल-गोलानी अपना असली नाम अहमद अल-शरा इस्तेमाल करते हैं. इन्होंने अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि वे उनके साथ हस्तक्षेप नहीं करेंगे. फिर भी कई सीरियाई लोगों को डर है कि HTS समूह अल कायदा के साथ अपने पूर्व संबंधों के कारण कठोर इस्लामी शासन लागू करेगा.11वीं शताब्दी में शिया इस्लाम से अलग हुए एक रहस्यवादी संप्रदाय ड्रूज़ को सुन्नी इस्लाम के लिए विधर्मी माना जाता है. कई बार कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा उन्हें निशाना बनाया गया है.