नीली नहीं होती हर देश की चुनावी स्याही, जानें कहां मतदान के बाद लगता है भगवा रंग

Saffron Color Election Ink: लोकसभा चुनाव का माहौल है. चुनाव में वोट डालने पर नीली रंग की स्याही वोटर्स की उंगलियों में लगाई जाती है. 

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Saffron Color  Election Ink: आमतौर जब भी चुनाव के लिए मतदान होता है तो वोट डालने के बाद मतदाता की उंगली में बैंगनी या नीली  स्याही लगाई जाती है. लेकिन हर देश की चुनावी स्याही नीली नहीं होती. एक ऐसा देश हैं जहां चुनावी स्याही का रंग भगवा होता है.

आज हम चुनावी चर्चा में उसी देश की बात करेंगे जहां वोट डालने के बाद  भगवा रंग की स्याही उंगली में लगाई जाती है. भारत की वो देश हैं जो अधिकतर देशों को चुनाव कराने के लिए अमिट स्याही भेजता है.

ये है भगवा स्याही इस्तेमाल करने वाला देश

जिस देश में चुनाव के दौरान भगवा रंग की स्याही का इस्तेमाल किया जाता है, उस देश का नाम सूरीनाम है। यहां पिछले 20 सालों से चुनाव में भगवा नारंगी स्याही का इस्तेमाल किया जा रहा है.

साल 2005 में पहली बार सूरीनाम में चुनाव के दौरान बैंगनी की जगह नारंगी स्याही का इस्तेमाल किया गया था. वहां के मतदाताओं ने भी इस स्याही को पसंद किया. क्योंकि ये रंग उनके झंडे से मैच करता है. सूरीनाम नाम का यह देश दक्षिण अमेरिका का एक छोटा सा देश है. यह देश अटलांटिक महासागर के समीप ही है. इस देश की राजधानी पारामारिबो है.

कितने फीसदी हिंदू रहते हैं?

सूरीनाम में अनेक धर्मों के लोग रहते हैं. इस देश से हिंदू धर्म का भी बहुत ही खास कनेक्शन है. यहां करीब 18 फीसदी हिंदू रहते हैं. भारतीय मूल के लोग आपको यहां मिल जाएंगे. जब भारत में ब्रिटिश राज था तब भारत के मजदूरों को डच गुयाना भेजा गया था. सूरीनाम को डच गुयाना के नाम से भी जाना जाता है.

इस देश की राजनीति से लेकर बड़े-बड़े सरकारी पदों पर हिंदू धर्म के लोगों मौजूद हैं. साल 2015 के आंकड़ों के अनुसार सूरीनाम में 123,440 हिंदू थे. यह देश साल 1975 में आजाद हुआ था.