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क्या होता है युद्ध अपराध जिसका इजराइल पर लग रहा आरोप; दोष सिद्ध होने पर क्या होगा? पढ़ें पूरी डिटेल

इजराइल पर हमास के खिलाफ युद्ध में फास्फोरस बमों के इस्तेमाल का आरोप लगा है. जिसे युद्ध अपराध कहा जा रहा है.

Sagar Bhardwaj
Edited By: Sagar Bhardwaj
क्या होता है युद्ध अपराध जिसका इजराइल पर लग रहा आरोप; दोष सिद्ध होने पर क्या होगा? पढ़ें पूरी डिटेल

 War Crime: इजराइल और हमास के बीच जारी खूनी जंग का आज छठवां दिन है. युद्ध में अब तक दोनों तरफ से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है.

इस बीच इजराइल पर हमास के खिलाफ युद्ध में फास्फोरस बमों के इस्तेमाल का आरोप लगा है. जिसे युद्ध अपराध कहा जा रहा है.

आइए जानते हैं कि क्या होता है युद्ध अपराध और इजराइल को इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ सकती है?

युद्ध अपराधों को संघर्ष के दौरान मानवीय कानूनों के गंभीर उल्लंघन के रूप में परिभाषित किया जाता है. दरअसल युद्ध के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय मानक बनाए गए हैं. यदि कोई देश युद्ध के दौरान इन मानकों का उल्लंघन करता है तो इसे युद्ध अपराध माना जाता है.

1949 में बने थे युद्ध के नियम


1939 से 1945 के बीच द्वितीय विश्वय युद्ध हुआ था. इस युद्ध में 5 करोड़ से ज्यादा लोग मारे गए थे. इस युद्ध में पहली बार परमाणु बम का इस्तेमाल हुआ था.

फिर से द्वितीय विश्व युद्ध जैसी तबाही न हो इसके लिए दुनियाभर के नेता 1949 में स्विट्जरलैंड की राजधानी जेवेवा में एकजुट हुए, जिसे जेनेवा कन्वेंशन कहा जाता है.

इन सभी नेताओं ने युद्ध के लिए कुछ नियम बनाए. बैठक में इस सभी बातों पर विस्तार से चर्चा हुई कि युद्ध में किन हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है, किसे मारा जा सकता है और किसे नहीं.

जेनेवा कन्वेंशन में युद्ध को लेकर जो नियम बने उन्हें इंटरनेशनल ह्यूमैनेटिरियन लॉ कहा गया. इन्हें लॉ ऑफ वॉर भी कहा जाता है. लॉ ऑफ वॉर में कुल 161 नियम हैं. इन सभी नियमों को 196 देशों ने मान्यता दी थी.

युद्ध के दौरान इन नियमों का पालन करना सभी देशों के लिए बाध्य है.

इन नियमों को बनाने का मकसद उन लोगों की रक्षा करना था जो युद्ध नहीं लड़ना चाहते या युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं होते.

नियमों को तोड़ने पर माना जाता है युद्ध अपराध

लॉ ऑफ वॉर के 44वें चेप्टर में युद्ध अपराधों का जिक्र किया गया है. अगर कोई भी देश इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे युद्ध अपराध माना जाएगा.

युद्ध अपराध करने वाले देश पर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा चलेगा. ये मुकदमा युद्ध अपराध में शामिल व्यक्तियों पर चलता है. 

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