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क्या है जर्मनी में ईजाद हुआ 'कैप्टागन', जो दुनियाभर के युवाओं के लिए बन रहा नासूर

इन गोलियों के साथ जुड़ा सबसे गंभीर मुद्दा ये है कि कैप्टागन की गोलियों को अवैध तरीके से लैब में तैयार किया जा रहा है जिनमें फेनेथिलीन की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा जानकारी के अभाव में इन गोलियों में जहरीले केमिकल के होने का खतरा भी पैदा हो गया है.

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Edited By: India Daily Live
Captagon
Courtesy: SOCIAL MEDIA

Captagon Drug: दिसंबर 2023 में जर्मनी में सैकड़ों किलो कैप्टागन की गोलियां मिली थीं. कैप्टागन टैबलेट की इतनी बड़ी खेप मिलने के बाद बुधवार को चार आरोपियों के खिलाफ आचेन में ट्रायल शुरू किया गया. चारों पर आरोप है कि उन्होंने 63 मिलियन से ज्यादा की कैप्टागन टैबलेट को विदेशों में बेचा.

गरीबों का कोकीन

कैप्टागन टैबलेट को 'गरीबों की कोकीन' भी कहा जाता है. मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के युवाओं में इस ड्रग की लत बुरी तरह से बढ़ रही है. साल 1986 में दुनिया भर के ज्यादातर देशों और मेडिकल क्षेत्र में इस दवाई के इस्तेमाल को अवैध घोषित कर दिया गया था लेकिन फिर 2000 के दशक की शुरुआत में पूर्वी यूरोप और मध्य पूर्व में इस दवा के अवैध वर्जन का निर्माण शुरू हो गया.

क्या है कैप्टागन
कैप्टागन एक सिंथेटिक ड्रग है, जिसका उत्पादन 1960 और 1970 के दशक में जर्मनी में हुआ. इस ड्रग का इस्तेमाल अटैंशन डेफिसिट डिसॉर्डर बीमारी को ठीक करने के लिए किया जाता था. मध्य पूर्व के युवाओं में इस ड्रग का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है, खास तौर पर वहां होने वाली पार्टियों में इस ड्रग का इस्तेमाल खूब हो रहा है.

युवाओं में क्यों बढ़ रहा कैप्टागन का इस्तेमाल
कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि सीरियाई संघर्ष में बेहतर प्रदर्शन के लिए और डर को कम करने के लिए लड़ाके इस ड्रग का सेवन कर रहे हैं. इस गोली में फेनेथिलीन, एक सिंथेटिक एम्फ़ैटेमिन, कैफीन और अन्य उत्तेजक पदार्थ होते हैं. ये सभी तत्व शरीर में उत्तेजना पैदा करते हैं.

लग सकती है लत
तंत्रिका तंत्र पर इस गोली का प्रभाव एम्फैटेमिन के समान होता है. इस दवाई के सेवन से इंसान की जागरूकता में वृद्धि होती और यह इंसान के शारीरिक और मानसिक प्रदर्शन को भी बेहतर कर सकती है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हृदय रोग और अन्य रोगों का खतरा रहता है, इसकी लत भी लग सकती है.

गोलियों के साथ क्या है सबसे गंभीर सवाल
इन गोलियों के साथ जुड़ा सबसे गंभीर मुद्दा ये है कि कैप्टागन की गोलियों को अवैध तरीके से लैब में तैयार किया जा रहा है जिनमें फेनेथिलीन की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा जानकारी के अभाव में इन गोलियों में जहरीले केमिकल के होने का खतरा भी पैदा हो गया है.

कहां हो रहा कैप्टागन का निर्माण
पिछले एक दशक से सीरिया कैप्टागन टैबलेट का सबसे बड़ा उत्पादक और एक्सपोर्टर बना हुआ है. यूके सरकार के बयान के अनुसार, दुनिया का करीब 80% कैप्टागन सीरिया में बन रहा है.

किन देशों में होती है सप्लाई
जॉर्डन, साउदी अरब, यूएई जैसे मध्य पूर्व के देशों के लिए कैप्टागन चिंता का सबब बना हुआ है. इस ड्रग के साथ पकड़े जाने पर इन देशों में कठोर सजा का प्रावधान है लेकिन बावजूद इसके सीरिया और लेबनान से भारी मात्रा में कैप्टागन की तस्करी इन देशों को हो रही है. जॉर्डन ने अपनी सेना को ड्रग्स के साथ पकड़े जाने पर देखते ही गोली मारने के आदेश दे रखे हैं. यूरोप के देशों के लिए भी यह ड्रग चिंता का सबब बना हुआ है.


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