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'हथियार तय करेंगे कौन बचेगा', रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में जेलेंस्की ने दी चेतावनी

Russia-Ukraine war: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन के दौरान चेतावनी दी कि इस समय अंतरराष्ट्रीय कानून से ज्यादा ताकत हथियारों की है.

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Kuldeep Sharma

Russia-Ukraine war: न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के मंच से बोलते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि केवल अंतरराष्ट्रीय कानून या गठबंधन किसी देश की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते, बल्कि असली सुरक्षा हथियारों और ठोस कदमों से ही मिल सकती है. जेलेंस्की ने दुनिया को चेताया कि अगर समय रहते रूस को नहीं रोका गया तो युद्ध की लपटें और भी देशों को अपनी चपेट में ले सकती हैं.

जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया के कई देश शांति चाहते हैं लेकिन केवल इच्छाशक्ति काफी नहीं है. उनके शब्दों में, 'अगर किसी देश को शांति चाहिए तो उसे हथियारों पर भी काम करना होगा. अंतरराष्ट्रीय कानून तभी काम करता है जब आपके पास ताकतवर दोस्त और मजबूत हथियार हों.' उन्होंने रूस पर आरोप लगाया कि हर साल यह युद्ध लंबा खिंचता जा रहा है और हथियार और घातक होते जा रहे हैं.

यूरोप और पड़ोसी देशों की असुरक्षा

जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि केवल नाटो जैसे सैन्य गठबंधन में शामिल होना भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है. उन्होंने हाल ही में रूस द्वारा पोलैंड और एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में किए गए उल्लंघन का उदाहरण दिया और कहा कि मोल्दोवा पर भी खतरा मंडरा रहा है. उनके अनुसार, 'अगर यूरोप ने मोल्दोवा को बचाने में देर की, तो इसकी कीमत कहीं ज्यादा चुकानी पड़ेगी, जैसे बेलारूस और जॉर्जिया के मामले में हुआ.'

बढ़ता हथियारों की होड़ और ड्रोन का खतरा

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया 'मानव इतिहास की सबसे खतरनाक हथियारों की होड़' से गुजर रही है. उन्होंने ड्रोन तकनीक को सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि रूस के युद्ध की वजह से अब हजारों लोग ड्रोन से मारना सीख चुके हैं. जेलेंस्की ने आगाह किया कि अगर इन्हें नियंत्रित नहीं किया गया तो भविष्य में ड्रोन एक-दूसरे से खुद लड़ेंगे और पूरी तरह स्वचालित युद्ध छिड़ सकता है.

दुनिया से मुखर होने की अपील

अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि केवल अमेरिका या पश्चिमी देशों की मदद से ही समस्या हल नहीं होगी, बल्कि पूरे विश्व को आवाज उठानी होगी. उन्होंने नेताओं से आग्रह किया कि 'चुप मत रहिए, रूस की आक्रामकता की निंदा कीजिए और इस युद्ध को खत्म करने के लिए दबाव बनाइए.' अंत में उन्होंने कहा कि अभी पुतिन को रोकना आसान है, वरना भविष्य में इसकी कीमत कहीं ज्यादा होगी. उन्होंने अपना भाषण यूक्रेन के नारे 'स्लावा यूक्रैनी' (यूक्रेन की जय) के साथ खत्म किया.