अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के बीच चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है. खबरों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड के साथ सभी शेष संघीय अनुबंधों को रद्द करने की योजना बना रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार (27 मई) को संघीय एजेंसियों को भेजे गए पत्र में हार्वर्ड के साथ सरकार के सभी व्यावसायिक संबंधों को पूरी तरह समाप्त करने की बात कही गई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये अनुबंध 100 मिलियन डॉलर के हैं और यह कदम हार्वर्ड के साथ ट्रम्प प्रशासन के तनाव के बीच उठाया गया है. इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब हार्वर्ड ने अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों से जुड़ा डेटा शेयर करने से इनकार कर दिया.
पहले ही रुके 3.2 मिलियन डॉलर के अनुदान
ट्रंप प्रशासन ने पहले ही हार्वर्ड के साथ 3.2 मिलियन डॉलर के अनुदान और अनुबंधों को स्थगित कर दिया है. इसके अलावा, प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन को रोकने की कोशिश की है. इस कदम ने दोनों पक्षों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.
जानिए पत्र में क्या है?
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के नवीनतम पत्र में संघीय एजेंसियों को 6 जून तक हार्वर्ड के साथ अनुबंध रद्द करने की सूची पेश करने का निर्देश दिया गया है. पत्र में कहा गया है, “आगे बढ़ते हुए, हम आपकी एजेंसी को प्रोत्साहित करते हैं कि भविष्य की सेवाओं के लिए वैकल्पिक विक्रेताओं की तलाश करें, जहां आपने पहले हार्वर्ड पर विचार किया था.” हालांकि, विश्वविद्यालय के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को रद्द नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें अन्य विक्रेताओं को हस्तांतरित किया जाएगा.
जानिए ट्रंप प्रशासन हावर्ड के बीच विवाद कैसे शुरु हुआ!
राष्ट्रपति पद संभालने के बाद, ट्रंप ने फिलिस्तीन समर्थक कैंपस प्रदर्शनों के जवाब में देशव्यापी कार्रवाई शुरू की. प्रशासन ने हार्वर्ड पर उदारवादी पक्षपात और यहूदी-विरोधी व्यवहार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. साथ ही, ट्रंप ने विश्वविद्यालय पर नस्लीय आधार पर छात्रों के नामांकन का भी आरोप लगाया. इसके जवाब में, हावर्ड ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिसमें अपने अनुदानों की बहाली की मांग की गई. यह विवाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शैक्षणिक स्वायत्तता के मुद्दों को उजागर करता है.