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India Daily

'चीन पर लगाया जाए 50 से 100% टैरिफ', ट्रंप ने नाटो देशों को चिठ्ठी लिख दी धमकी, क्या भारत के लिए बदलेगा राष्ट्रपति का रुख?

ट्रंप का यह प्रस्ताव न केवल चीन और रूस को निशाना बनाता है, बल्कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था को हिला सकता है. नाटो देशों की एकजुटता पर सवाल उठाते हुए, ट्रंप ने कहा कि यदि नाटो उनके कहे अनुसार काम करे, तो युद्ध जल्द खत्म हो जाएगा. भारत जैसे देशों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है, जहां ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हित टकरा रहे हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
US President Donald Trump
Courtesy: X@WhiteHouse

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण और यूक्रेन संघर्ष समाप्त होने तक चीन पर 50-100% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है. इस पर ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में उन्होंने घोषणा की है कि यदि नाटो देश इस प्रयास में शामिल होते हैं तो वे रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं. हालांकि, इस पोस्ट में भारत का जिक्र नहीं किया गया, जो रूसी ऊर्जा खरीद के कारण वाशिंगटन की नाराजगी का केंद्र रहा है.

दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने शनिवार (13 सितंबर) को अपनी पोस्ट में कहा, मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूँ, जब सभी नाटो देश सहमत हो जाएँ और ऐसा करना शुरू कर दें, और जब सभी नाटो देश रूस से तेल खरीदना बंद कर दें." इसके बाद ट्रंप ने सभी नाटो देशों से सामूहिक रूप से चीन पर 50-100% टैरिफ लगाने की अपील की, जो यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के बाद पूरी तरह वापस ले लिए जाएंगे.

 ट्रंप प्रशासन का यूरोपीय देशों पर दबाव

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में यूरोपीय देशों और अन्य जी7 सहयोगियों पर रूसी ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने का दबाव बढ़ाया है. वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर सहयोगी देशों से कहा कि यदि वे यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए वास्तव में प्रतिबद्ध हैं, तो टैरिफ लागू करें. यह कदम रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने का प्रयास है, खासकर जब यूक्रेन पर रूसी हमले तेज हो गए हैं। ट्रम्प ने कहा कि चीन का रूस पर मजबूत नियंत्रण है, और ये टैरिफ उस पकड़ को तोड़ देंगे.

अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और रूसी ऊर्जा विवाद

इधर, अमेरिकी प्रशासन भारत के साथ व्यापार और रूसी ऊर्जा पर बातचीत जारी रखे हुए है, जबकि नई दिल्ली अगस्त में वाशिंगटन द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से जूझ रही है. अगले कुछ सप्ताहों में व्यापार वार्ता फिर शुरू होने की उम्मीद है, साथ ही रूसी तेल खरीद के लिए भारत पर लगे 25% टैरिफ दंड को हटाने पर चर्चा जारी है. गुरुवार को ट्रंप प्रशासन के अगले अमेरिकी राजदूत भारत के नामित सर्जियो गोर ने कहा,'' "हम इस समय भारतीयों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं. दरअसल, राष्ट्रपति ने उनके वाणिज्य और व्यापार मंत्री को अगले हफ़्ते हमारे यहाँ आने का न्योता दिया है."

हम किसी समझौते पर बहुत दूर नहीं- सर्जिया गोर

गोर ने आगे कहा, "फिलहाल हम किसी समझौते पर बहुत दूर नहीं हैं. दरअसल, वे समझौते की बारीकियों पर बातचीत कर रहे हैं." साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पक्ष समझौते से बस कुछ ही हफ़्ते दूर हैं. हाल के हफ़्तों में अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर माहौल सुधरने के बावजूद, रूस के साथ नई दिल्ली के रिश्ते अब भी अड़चन पैदा कर रहे हैं. वाशिंगटन रूस पर और ज़्यादा आर्थिक दबाव बनाने के लिए तैयार हो रहा है, खासकर अगस्त में राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर वार्ता के बाद, जो यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करने में कोई सफलता हासिल नहीं कर पाई.